Shardiya Navratri 2023: शारदीय नवरात्रि के पांचवें दिन मां दुर्गा के स्वरूप मां स्कंदमाता की आराधना की जाती है। इस साल 19 अक्टूबर को मां स्कंदमाता की पूजा की जाएगी। स्कंदमाता को मोक्ष के द्वार खोलने वाली माता के रूप में पूजा जाता है।
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स्कंदमाता की कथा
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, तारकासुर नाम का एक राक्षस था, जिसकी मृत्यु केवल शिव पुत्र से ही संभव थी। तब मां पार्वती ने अपने पुत्र भगवान स्कन्द (कार्तिकेय का दूसरा नाम) को युद्ध के लिए प्रशिक्षित करने हेतु स्कन्द माता का रूप लिया। उन्होंने भगवान स्कन्द को युद्ध के लिए प्रशिक्षित किया था। कहा जाता है कि स्कंदमाता से युद्ध प्रशिक्षण लेने के पश्चात भगवान स्कंद ने तारकासुर का वध किया।
मां स्कंदमाता के पूजा का मुहूर्त
- अभिजीत मुहूर्त – 11:49 AM से 12:34 PM
- अमृत काल – 12:14 PM से01:50 PM
- ब्रह्म मुहूर्त – 04:52 AM से 05:40 AM
- विजय मुहूर्त – 02.30 PM से 03.20 pm
- गोधूलि मुहूर्त – 06.29 PM से 06. 53 pm
मां स्कंदमाता की पूजा विधि
- चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन स्नान के बाद पीले वस्त्र पहनें।
- मां स्कंदमाता.को पीला चंदन, पीली चुनरी, पीली चूड़ियां, पीले फूल अर्पित करें।
- पूजा में ऊं स्कंदमात्रै नम: का जाप करते रहें।
- मां स्कंदमाता को केले का भोग अति प्रिय है। खीर में केसर डालकर भी नेवैद्य लगाया जा सकता है।
- मां स्कंदमाता के मंत्रों का जाप करें और आरती के बाद 5 कन्याओं को केले का प्रसाद बांटें।
- मान्यता है इससे देवी स्कंदमाता बहुत प्रसन्न होती है और संतान पर आने वाले सभी संकटों का नाश करती है। संतान हर कठिनाईयों को आसानी से पार करने में सक्षम बनता है।