प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानि की 29 अप्रैल को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए लोगों को संबोधित करेंगे। यह ‘मन की बात’ कार्यक्रम का 43वां संस्करण है जिसमें पीएम मोदी अपने विचार जनता के साथ साझा करेंगे। बता दें कि यह कार्यक्रम पीएम मोदी हर महीने के आखिरी रविवार को करते हैं। जिसमें वह रेडियो के माध्यम से देशवासियों को संबोधित करते हैं। 11 बजे से रेडियो पर देशवासी इस कार्यक्रम को सुन सकेंगे। इस कार्यक्रम के माध्यम से लोग अपने विचार पीएम मोदी से साझा करते हैं, जिनमें से चुने गए कुछ विचारों को कार्यक्रम में शामिल किया जाता है। 42वें संस्करण में पीएम मोदी ने सेहत और स्वास्थ्य का मुद्दा उठाया था।
पिछली बार पीएम ने किसानों से लेकर लोगों के स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे पर अपनी बात रखी। पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी मन की बात कार्यक्रम में कई ऐसे लोगों का उल्लेख किया जिन्होंने समाज में अपना योगदान कुछ अलग काम करके दिया है। उन्होंने कानपुर के डॉक्टर से लेकर असम के रिक्शा चालक का जिक्र किया जिनके सरोकार से समाज को फायदा पहुंच रहा है।
मन की बात कार्यक्रम के 42वें संस्करण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ की सफलता पर उठ रहे सवाल और रोजगार के मौके पैदा करने में विफलता को लेकर विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया। डॉ. भीमराव अंबेडकर के भारत को ‘औद्योगिक सुपरपावर’ बनाए जाने के विजन का जिक्र करते हुए पीए मोदी ने कहा कि गरीबों को रोजगार देने की दिशा में औद्योगीकरण की प्रभावी भूमिका है और ‘मेक इन इंडिया’ इसी सपने को पूरा करने का काम कर रहा है।
गौरतलब है कि पीएम मोदी शनिवार को चाइना के अपने दो दिवसीय दौरे से वापस लौटे हैं। इस दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनफिंग ने पीएम मोदी का स्वागत बहुत गर्मजोशी से किया था। उम्मीद की जा रही थी कि इस दौरे पर भारत और चीन के बीच लंबे समय से चल रहे कई मुद्दों पर बात की जाएगी। जिसमें डोकलाम विवाद अहम मुद्दा था ऐसे में मोदी और शी ने ‘सीमावर्ती इलाकों में शांति’ को बरकरार रखने के महत्व पर जोर दिया। इसके अलावा दोंनों नेता अफगानिस्तान में जॉइंट इकनॉमिक प्रॉजेक्ट पर काम करने के लिए सहमत हुए हैं। अफगानिस्तान में भारत और चीन के बीच अपनी तरह का यह पहला प्रॉजेक्ट होगा। मोदी और शी दोनों ने आतंकवाद को साझा खतरा बताया है और इसे काउंटर करने के लिए सहयोग बढ़ाने को लेकर प्रतिबद्धता जताई है। यह पीएम मोदी की अनौपचारिक शिखर बैठक थी जिसकी सफलता को देखते हुए दोंनों नेताओं ने भविष्य में भी इस तरह के संवाद होते रहने पर सहमति दी है।