Deepawali 2022: कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को धनतेरस मनाई जाती है। इस पर्व के लिए सूर्यास्त के पीछे एक घड़ी प्रदोष व्यापिनी त्रयोदशी ग्रहण करने चाहिए।
इस वर्ष 22 अक्टूबर शनिवार को सायं 6:03 के बाद त्रयोदशी का प्रवेश हो रहा है, जो प्रदोष काल में रहेगी। वहीं, धनतेरस का पर्व 22 अक्टूबर शनिवार को ही मनाना शास्त्र सम्मत रहेगा।
योगेश जैन जिनका मोबाइल नंबर (9560711993,7982956752) ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बार धनतेरस और दीपावली पर कौन – कौन से महूरत सही हैं ।
(योगेश जैन)
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कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को नरक चतुर्दशी निमित्त सायं प्रदोष काल में दीपदान एवं चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्दशी को प्रभात स्नान कर दान आदि करने से मनुष्य को नरक से मुक्ति मिलती है। इस वर्ष 23 अक्टूबर रविवार को सायं 6:04 के बाद प्रदोष काल में चतुर्दशी आने से नरक चतुर्दशी निमित्त सायं काल को दीपदान होगा और रूप चतुर्दशी मनाई जाएगी। आगामी अरुणोदय काल सूर्योदय के पहले मे चौदस होने से स्नान दान कर रूप चौदस मनाई जाएगी।
महालक्ष्मी के पूजन समय
कार्तिक कृष्णा चतुर्दशी सोमवार यानी 24 अक्टूबर को प्रदोष काल में अमावस्या होने से ही दिन दीपावली मनाई जाएगी। लक्ष्मी पूजन प्रदोष युक्त अमावस्या को स्थिर लग्न में किया जाना। सर्वश्रेष्ठ होता है। इस वर्ष लक्ष्मी पूजन का समय इस प्रकार रहेगा।
- प्रदोष काल सायं 5:45 से रात्रि 8:21 बजे तक।
- वृष लग्न रात्रि 7:30 से 9:00 बजे तक।
- सिंह लग्न मध्य रात्रि 1:30 से 3:49 तक।
चौघड़िया मुहूर्त
- चर का चौघड़िया- सायं 05:45 से रात्रि 07:23 तक।
- लाभ का चौघड़िया- रात्रि 10:30 से रात्रि 12:11 तक।
- अमृत का चौघड़िया- रात्रि 01:47 से शाम 04:15 तक ।
- सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त- रात्रि 07:15 से 7:28 तक।
गौर रहे कि इस बार दीपावली के अगले दिन यानी 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण रहने से सूतककाल 12 घंटा पूर्व प्रारंभ होगा, जो दीपावली की रात्रि 4:23 से लगेगा। लक्ष्मी पूजन मे नवग्रह आदि का विसर्जन भी सूतक के पहले ही करना उचित रहेगा।
सूर्यग्रहण व सूतक एवं भोजनादि का निर्णय
कार्तिक कृष्णा अमावस्या मंगलवार दिनांक 25 अक्टूबर 2022 को इस बार सूर्यग्रहण है, जो भारत में भी दिखाई देगा। संपूर्ण भारत में स्टैंडर्ड टाइम अनुसार सायं काल 4:23 से 6:25 के मध्य अलग-अलग समय पर प्रारंभ होकर यह ग्रहण सूर्यास्त तक दिखाई देगा। ग्रहण की समाप्ति सूर्यास्त के बाद होने के कारण यह ग्रहण ग्रस्तास्त कहलाएगा। इस ग्रहण का सूतक 25 अक्टूबर 2022 को सूर्योदय के पहले यानी 4:23 पर लगेगा। सूतक लगने के बाद धार्मिकजनों को भोजन नहीं करना चाहिए।
सूर्यग्रहण के बाद कब करना चाहिए भोजन
25 अक्टूबर 2022 को होने वाला सूर्य ग्रहण भारत में ग्रस्तास्त अर्थात ग्रहण लगा, तब सूर्य अस्त हो जाएगा। शास्त्रों में ग्रस्तास्त सूर्य का ग्रहण का पर्व काल सूर्य व चंद्रमा के अस्त तक ही मानने के निर्देश दिये हैं। अतः इस ग्रहण का पर्व काल सूर्यास्त के साथ ही समाप्त हो जाएगा। इसलिए धार्मिक जनों को सूर्यास्त के बाद स्नान करके संध्या जप एवं दान आदि करना चाहिए। लेकिन जब तक अगले दिन यानी 26 अक्टूबर को ग्रहण मुक्त सूर्य का दर्शन नहीं करेंगे, तब तक भोजनादि नहीं करना चाहिए।
- अन्नकूट: कार्तिक शुक्ल एकम् बुधवार 26 अक्टूबर।
- भईया दूज: कार्तिक शुक्ल दूज गुरुवार 27 अक्टूबर।