नई दिल्ली। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि आज दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डी.ई.आर.सी.) की जन सुनवाई बैठक जनता के साथ एक छलावा है। यह जनता के साथ एक बड़ा धोखा है और अरविंद केजरीवाल सरकार एवं तीनों पॉवर डिस्कॉम में भागीदार निजी कंपनियों के बीच मिलीभगत का प्रमाण है।
बता दें कि तिवारी ने कहा कि जनता के साथ की जा रही धोखाधड़ी के विरोध में दिल्ली भाजपा ने आज डी.ई.आर.सी. द्वारा आयोजित जनसुनवाई बैठक का बहिष्कार किया है। निजी कंपनियों द्वारा प्रस्तुत एनुअल रेवेन्यू रिक्वायरमेंट (ए.आर.आर.) पर किसी भी निर्णय से पहले बिजनस प्लाॅन रेगुलेशन एवं बहुवर्षीय टैरिफ 2017 पर निर्णय किये जाने की नागरिक संगठनों की मांग का दिल्ली भाजपा समर्थन करती है।
साथ ही तिवारी ने कहा कि केजरीवाल सरकार निजी कंपनियों से मिलीभगत कर डी.ई.आर.सी. में रिक्त पदों पर नियुक्ति के मामले में कानून की गलत व्याख्या कर रही है। डी.ई.आर.सी. के अध्यक्ष पद पर कानूनी रोक है पर केजरीवाल सरकार जान-बूझकर अन्य पद पर भी नियुक्तियां नहीं कर रही है। इस सब के चलते एक सदस्यीय कमीशन के निर्णय बहुत हद तक सरकार एवं निजी कंपनियों के हित में जा रहे हैं।
उन्होंने कहा इसी तरह केजरीवाल सरकार ने निजी कंपनियों के लाभांश के मामले में बहुवर्षीय टैरिफ प्लान 2007 के आंकड़ों का लाभ दिया है जिसके चलते आज के बाजार एवं बैंक आंकड़ों के हिसाब से निजी कंपनियों को लगभग दोगुना लाभ होगा और आम उपभोक्ता की जेब पर भारी बोझ पड़ेगा। तिवारी ने कहा है कि पॉवर डिस्कॉम एवं निजी कंपनियों के सी.ए.जी. ऑडिट के मामले में केजरीवाल सरकार का यू-टर्न बेहद चैकाने वाला है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लम्बे समय से निजी कंपनियों के खातों के सी.ए.जी. ऑडिट की बात करते थे पर आज प्रस्तुत बहुवर्षीय टैरिफ 2017 के मसौदे में निजी कंपनियों के बैंक खातों को सी.ए.जी. ऑडिट के दायरे से बाहर रखा गया है।