नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि साल 2008 में तीन विमानों के सौदे में रिश्वतखोरी के कथित आरोपों को लेकर एमब्रेयर विमान कंपनी से जानकारी मांगी गई है। रक्षा मंत्रालय के प्रमुख प्रवक्ता ने ट्वीट किया, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) मीडिया में आई खबरों के मद्देनजर एमब्रेयर विमान निर्माताओं से साल 2008 में हुए सौदे के बारे में स्पष्टीकरण व अन्य विस्तृत विवरण मांगेगा।
प्रवक्ता ने एक अन्य ट्वीट में कहा, डीआरडीओ को जानकारी मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। मीडिया में आई खबर के मुताबिक, साल 2008 में सौदा तय करने के लिए एमब्रेयर द्वारा ब्रिटेन के एक रक्षा एजेंट को कथित तौर पर रिश्वत दी गई थी। इस मामले में कंपनी के खिलाफ ब्राजील के अभियोजक व अमेरिकी न्याय विभाग जांच कर रहे हैं।
सौदा संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने किया था, जिसके तहत 20.8 करोड़ डॉलर में तीन ईएमबी-145 विमान खरीदे गए थे। पहला विमान साल 2011 में भारत आया था, जबकि अन्य दो विमान बाद में मिले थे। विमान में डीआरडीओ का एयरबॉर्न अर्ली-वॉर्निग सिस्टम एंड कंट्रोल (एईडब्ल्यूएंडसी) सिस्टम लगाकर उसे भारतीय वायुसेना द्वारा इस्तेमाल में लाना था।
रिपोर्ट के मुताबिक, एईडब्ल्यूएंडसी सिस्टम अभी तक तैयार नहीं हुआ है, क्योंकि डीआरडीओ इसे पूरा नहीं कर पाया है। इसके इस साल दिसंबर में पूरा होने की उम्मीद है। डीआरडीओ ने कहा है कि उसे इसकी जानकारी नहीं है कि सौदे में किसी को रिश्वत दी गई। संप्रग सरकार के दौरान रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार का यह दूसरा मामला है। कुछ महीने पहले वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में भ्रष्टाचार का आरोप सामने आया था।