15 जून की रात लद्दाख सीम की गलवान घाटी पर भआरत और चीन के बीच भंयकर झड़प हुई थी। जिसमें भारत ने अपने 20 जवान खो दिए तो वहां 30 से ज्यादा सैनिक चीन के भी मारे गये वो बात अलग है कि, चीन अपने सैनिकों की मौत और तबाही से पर्दा नहीं उठा रहा है। और ये उसकी पुरानी आदत भी है।लेकिन चीन की इस घचिया हरकत के बाद भारत में चीन के प्रति भारी रोष देखने को मिल रहा है। लोगों ने चीनी सामान का बहिष्कार करना शुरू कर दिया है।
चीनी सामानों के बहिष्कार और ऐप अनइंस्टाल करने की मुहिम तो पहले से चलती रही हैं, लेकिन सोमवार की रात गलवान में हुई घटना के बाद देशभर में लोगों का गुस्सा भड़क उठा है।
गुरुग्राम में व्यापारियों ने चीनी सामानों का विरोध करना शुरू कर दिया है। ओल्ड डीएलएफ फर्नीचर मार्केट में व्यापारियों ने चाइनीज फर्नीचर को इकट्ठा किया और उसमें तोड़-फोड़ करने के बाद आग लगा दी। इस प्रदर्शन में सैकड़ों लोग शामिल हुए।
इतना ही नहीं, मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के ट्रांसपोर्टरों ने बुधवार को घोषणा की कि वे गुरुवार से चीनी कम्पनियों के माल की बुकिंग नहीं करेंगे. इंदौर ट्रक ऑपरेटर्स एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष ने इसकी जानकारी दी है।
इतना ही नहीं, सरकार 160 से 200 चाइनीज प्रोडक्ट्स पर आयात शुल्क बढ़ाने पर विचार कर रही है। जबकि 100 चाइनीज प्रोडक्ट्स पर नॉन-टैरिफ बैरियर लगाने की तैयारी है। नॉन टैरिफ बैरियर का मतलब है कि उन पर शुल्क नहीं बढ़ाया जाएगा बल्कि लाइसेंस की जरूरत और सख्त क्वालिटी चेक के जरिए उनके आयात को कम करने का प्रयास किया जाएगा।
लेकिन इस बीच एक सवाल है जो हर जगह उठ रहा है कि, क्या चीन के सामान का बहिष्कार करने से चीन को नुकसान होगा या फिर भारत को। ये बात सुनने में आपको थोड़ी अजीब जरूर लग रही होगी। लेकिन इसके पीछे की क्या कहानी है ये जानना भी बेहद जरूरी है।
आपको बता दें, भारत चीन से जो आयात करता है, उसमें चीन के निर्यात की कुल हिस्सेदारी महज 3 फीसदी ही हिस्सेदारी है। इसके उलट भारत के निर्यात में चीन भेजे जाने वाले सामान की 5 फीसदी हिस्सेदारी है। इस लिहाज से देखें तो चीन से कारोबार रोकने पर भारत का ही नुकसान होगा।
चीन का सामान भारत में बिकने से एक तरफ चीनी कंपनियों को फायदा हो रहा है तो फिर भारतीय ग्राहकों को भी लाभ मिल रहा है। गरीब भारतीय होंगे प्रभावित: यदि चीन के सामान की खरीद पर रोक लगती है तो देश के गरीब तबके के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे, जिनके लिए महंगा सामान खरीदना मुश्किल है।
खबरों की मानें तो अगर चीन से सामान के आयात पर रोक लगती है तो उससे भारत के प्रोड्यूसर्स और एक्सपोर्टर्स को भी नुकसान होगा। यह बात सही है कि चीन से आयात से कुछ भारतीय कारोबारों को नुकसान होता है, लेकिन यह उन लोगों को ही होता है, जो प्रतिस्पर्धा में कमजोर हैं। हालांकि सक्षम कारोबारियों के लिए यह बेहतर है।
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इन सभी तर्कों के आधार पर एक्सपर्ट मान रहे हैं कि, अगर भारत चीन के सामान का बहिष्कार करता है। तो इसका असर देश की अर्थव्यव्सथा पर भी पड़ेगा। क्योंकि कोरोना ने पहले से ही आर्थिक स्थिति बिगाड़ी हुई है। इसलिए कुछ भा करने से पहले उसके परिणामों के बारे में हमे जरबर जान लेना चाहिए। आपको जानकर हैरानी होगी कि, कोरोना से लड़ने के लिए चीन के सेन्ट्रल बैंक ने भारत को करोड़ो का लोन दिया हुआ है।