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कांग्रेस ने एक देश एक चुनाव को बताया अव्यवहारिक

bjp congress party कांग्रेस ने एक देश एक चुनाव को बताया अव्यवहारिक

नई दिल्ली। राज्यसभा में बुधवार को कांग्रेस ने देश की विकास यात्रा 2014 से शुरू होने का दावा करने पर सरकार को आड़े हाथ लेते हुए उसे भारत की विविधता का सम्मान करने की नसीहत दी। साथ ही पार्टी ने ‘एक देश, एक चुनाव’ के विचार को अव्यावहारिक करार दिया। शर्मा ने भाजपा को फिर से सरकार में आने की बधाई दी और उम्मीद जतायी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से ‘कड़वाहट’ बंद होगी तथा सरकार ‘दुर्भावना’ से काम नहीं करेगी।

उच्च सदन में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने कहा कि ‘एक देश, एक चुनाव’ का विचार व्यावहारिक नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्यों में जब सरकार बहुमत साबित नहीं कर पाएं या सरकार गिर जाए तो ऐसी स्थिति में क्या होगा? शर्मा ने सवाल किया कि वैसी स्थिति में वैकल्पिक सरकार कैसे बनेगी? उन्होंने चुनावी सुधार की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि चुनावी बांडों में पारदर्शिता नहीं है तथा इसके तहत 95 प्रतिशत राशि भाजपा को मिली है। शर्मा ने चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा द्वारा भारी खर्च किए जाने पर भी सवाल उठाया। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि सदन में कांग्रेस के पूर्व खजांची (कोषाध्यक्ष) मोतीलाल वोरा बैठे हैं और वतर्मान कोषाध्यक्ष अहमद पटेल सदन में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वह भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से अनुरोध कर रहे हैं कि इन दोनों को इस बारे में कुछ बताएं। शर्मा ने भाजपा को फिर से सरकार में आने की बधाई दी और उम्मीद जतायी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से ‘कड़वाहट’ बंद होगी तथा सरकार ‘दुर्भावना’ से काम नहीं करेगी।

महात्मा गांधी की 150वीं जयंती का जिक्र करते हुए शर्मा ने कहा कि राष्ट्रपिता का सिर्फ स्मरण करने की जरूरत नहीं है बल्कि उनका अनुसरण करने की आवश्यकता है। उन्होंने अभिभाषण में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का जिक्र नहीं होने पर आपत्ति जतायी और कहा कि वह भी आजादी की लड़ाई में अग्रिम पंक्ति के नेताओं में थे। वह आजादी के आंदोलन के दौरान सबसे ज्यादा समय तक जेल में रहने वाले नेताओं में से एक थे। आजादी की लड़ाई के दौरान कुछ पक्षों ने अंग्रेज शासन से उस आंदोलन को कुचलने को कहा था। उन्होंने कहा कि सदन में आजादी की लड़ाई के बारे में भी चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में नेहरू के कार्यकाल के दौरान देश में विकास की नींव पड़ी और कई प्रतिष्ठित संस्थाओं की स्थापना की गयी। हम उनके कृतज्ञ हैं लेकिन सदन में उनके बारे में कड़वे शब्द सुनने को मिल रहे हैं। उनके बारे में भ्रामक बातें की जा रही हैं। शर्मा ने कहा कि पंडित नेहरू की आलोचना बंद होनी चाहिए और सरकार को देश को सही रास्ते पर आगे ले जाना चाहिए। भाजपा को भारत की विविवधता को स्वीकार करना चाहिए।

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