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उत्तराखंड आयें तो अपनी जिम्मेदारी पर, सीएम ने खुद खोल दी आपदा प्रबंधन की पोल

trivendra singh 2 उत्तराखंड आयें तो अपनी जिम्मेदारी पर, सीएम ने खुद खोल दी आपदा प्रबंधन की पोल

उत्तराखंड में अगर आप ट्रेकिंग के लिए आ रहे है या आप उत्तराखंड की वादियों में मौसम और पहाड़ो का आनंद ले रहे है।भगवान ना करें की आप मुसीबत में फंस जायें तो ये बिलकुल मत सोचियेगा की आप को सरकारी मदद जल्द मिल जाएगी। क्यूंकि राज्य सरकार के पास इतने संसाधन ही नहीं हैं कि वह जल्द रेस्क्यू कर आपको सुरक्षित निकाल सके। ये बात हम नहीं बल्कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कह रहे हैं।

 

उत्तराखंड आयें तो अपनी जिम्मेदारी पर, सीएम ने खुद खोल दी आपदा प्रबंधन की पोल
उत्तराखंड आयें तो अपनी जिम्मेदारी पर, सीएम ने खुद खोल दी आपदा प्रबंधन की पोल

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हमारे द्वारा रुड़की आईआईटी के बच्चे फंसे होने के सवाल पर सीएम ने कहा है कि हमारे पास हेलीकॉप्टर अपने नहीं हैं बहार से मंगवाने पड़ते हैं,देरी तो होगी ही। आपको बता दें की आईआईटी के दो दल इस वक्त पहाड़ो में फंसे है जिसमे एक दल हिमाचल तो दुसरा दल उत्तराखंड में फंसा है।

रुड़की आईआईटी के छात्र उत्तराखंड में 21 सितम्बर को ट्रेकिंग के लिए गए थे जिसके बाद वो गंगी ट्रेक पर लगभग 12 हजार से जयदा फिट पर फंसे हैं। जिनके फंसे होने की सुचना तब मिली जब वो तय समय के मुताबिक वापसी नहीं कर पाए। जिसके बाद साफ़ हो गया है कि सभी छात्र किसी बड़ी मुसीबत में हैं।

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सूचना के बाद रुड़की आईआईटी में हड़कंप मच गया इसके बाद प्रसासन से आईआईटी ने मदद मांगी है।सरकार ने तत्काल प्रभाव से रेस्क्यू के आदेश दिए लेकिन हैरानी की बात ये है कि देरादून से उड़ने वाला दल सुबह से हेलीकप्टर की राह ताक रहा है। लेकिन अब तक हेलीकॉप्टर उनको नहीं मिला है इस बात की तस्तीक खुद देहरादून सहसधारा हेलीपेड़ पर टीम को लेकर खड़े टीम के इंचार्ज रोशन कोठारी कह रहे है कि अब तक सुबह से हेलीकॉप्टर नहीं आया है।

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हैरानी की बात है की जब इस मामले में हमने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से राहत और बचाव की जानकारी मांगी तो सीएम की तरफ से गैर जिमेदारना बयान देकर राज्य आपदा विभाग सहित सरकार के रेस्क्यू की कलई खोल दी। सीएम ने कहा की सरकार अपनी तरफ से बचाव कार्य के लिए सब काम कर रही है।लेकिन हेलीकॉप्टर चूंकि सरकार के पास नहीं है इस लिए बहार से मंगवाने में देरी तो होगी ही, आपको बता दें की उत्तराखंड 70 फीसदी छेत्र पहाड़ी है। हमेसा से यहां पर बारिश और आपदा जैसे हालात बने रहते है ऐसे में सरकार के मुखिया का बयान हैरान करने वाला है।

उत्तराखंड में जब-जब इस तरह का ट्रेकिंग दल फंसता है या इस तरह की घटना सामने आती है तो क्यों सरकार के विभाग व्यवस्थाओ में ही जुटे रहते हैं।जब 18 सितम्बर के बाद से लगातार पहाड़ो में तेज़ बारिश की संभावना बनी हुई थी तो क्यों इस दल को ट्रेकिंग के लिए जाने की इजाजत दी गयी.? हेलीकॉप्टर क्यों सरकार ऐसे मौसम में स्टेण्ड बाय में रखती नहीं है।

Piyush Shukla उत्तराखंड आयें तो अपनी जिम्मेदारी पर, सीएम ने खुद खोल दी आपदा प्रबंधन की पोल

अजस्र पीयूष

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