देहरादून। सूबे में खाद्य प्रसंस्करण और पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार लगातार सार्थक प्रयास कर रही है। इसको लेकर सरकार कई तरह के सुझावों पर अलम भी कर रही है। लेकिन सरकार की पर्यटन को लेकर की जाने वाली एक बड़ी पहल अब एक पहेली बन गई है। जहां पूरे विश्व में उत्तराखंड को देवभूमि यानी देवताओं की धरती के तौर पर जाना जाता है। प्रसिद्ध चारधामों में इसकी गणना होती है। जहां से देवताओं की नदियां प्रवाहित होती हैं। धरती पर स्वर्ग की अनुभूति जहां मिलती है। अब उस धरती का पर्यटन थाईलैंड और बैंकाक के तर्ज पर विकसित होना सरकार की इस मंशा पर सवाल उठा देता है।
आने वाले दिनों में माननीय मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के नेतृत्व में आने वाले 17-18 अप्रैल 2018 को बैंकॉक में आयोजित इन्वेस्टमेंट प्रमोशन सेमिनार में उत्तराखंड सरकार द्वारा खाद्य प्रसंस्करण और वैलनेस एवं लक्जरी टूरिज्म क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं की शो केसिंग की जाएगी। इससे सूबे में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से देखा जा रहा है। जिसको लेकर विभागीय तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि केंद्र सरकार की एफडीआई (फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट) पॉलिसी के अनुसार राज्य में अनुकूल वातावरण है। राज्य में एफडीआई को आकर्षित करने के लिए कृषि, बागवानी और पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। उत्तराखण्ड दिल्ली से नजदीक है, एयर कनेक्टिविटी है, कानून व्यवस्था अच्छी है, बिजली की दरें सस्ती हैं। इसके साथ ही उद्यमियों को आकर्षित करने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि शो केसिंग के लिए तैयार किए जा रहे बुकलेट, फिल्म और प्रस्तुतीकरण की प्रति बैंकॉक स्थित भारत के राजदूतावास में एडवांस में भेज दिया गया है।
कुल मिलकर पूरे विश्व में उत्तराखंड सरकार को पर्यटन उद्योग के लिए बैंकॉक और थाईलैंड भी देश दिखाई दे रहे हैं। आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के नेतृत्व में कृषि सचिव डी.सेंथिल पांडियन द्वारा खाद्य प्रसंस्करण पर प्रस्तुतीकरण होगा साथ ही सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर द्वारा वैलनेस पर्यटन के बारे में प्रस्तुतीकरण किया जाएगा। शाम को उत्तराखण्ड पर्यटन का रोड शो होगा। माना जा रहा है कि इस पूरे कार्यक्रम में सरकार काफी बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने जा रही है। सूत्रों की माने तो इस कार्यक्रम को लेकर जो प्रतिनिधि मंडल जा रहा है। उसमें इन दो अधिकारियों के साथ प्रमुख सचिव उद्योग श्रीमती मनीषा पंवार, सचिव कृषि श्री डी.सेंथिल पांडियन, सचिव पर्यटन श्री दिलीप जावलकर, सचिव स्वास्थ्य श्री नितेश झा, एमडी सिडकुल श्रीमती सौजन्या के अलावा कुछ पत्रकारों को भी सरकार लेकर जाने की मंशा बना चुकी है।
लेकिन अब सवाल है कि बैंकॉक और थाईलैंड पूरे विश्व में अपने सेक्स कल्चर के लिए और सेक्स पर्यटन के लिए ही मशहूर है। ऐसे में सरकार वहां के पर्यटन का इन्वेस्टमेंट वैलनेस एवं लक्जरी टूरिज्म के तौर पर देवभूमि में कराकर किस तरह के पर्यटन को बढ़ावा देने की कवायद कर ही है। ये चिंता का विषय है, इसके साथ ही इस पूरे कार्यक्रम में कौन-कौन से लोगों को किस आधार पर सरकार लेकर जा रही है। ये भी यक्ष प्रश्न सरकार के सामने है। हांलाकि इसके पहले भी सरकार के कई मंत्री बैंकॉक और थाईलैंड जैसे देशों की यात्रा पर जा चुके हैं। लेकिन माननीय मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की ओर से ये पहली विदेश और अधिकारिक यात्रा है। लेकिन सवाल है कि विदेश यात्रा के तौर पर माननीय को बैकॉक और थाईलैंड ही देश दिखाई दिए हैं।