बींजिग। भारतीय आर्मी चीफ बिपिन रावत के दिए बयान से चीन चिढ़ गया है। इस पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस पर ऐतराज जताते हुए कहा कि बिपिन ने जो बयान दिया है क्या वो भारत की राय है। या आर्मी चीफ ऐसे बयान के लिए खुद जिम्मेदार है। बिपिन रावत ने बीते बुधवार को एक कारेयकेर्म में कहा था कि भारत को चीन और पाक दोनों देशों से एक साथ जंग करने के लिए तैयार रहना चाहिए। जिस पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने गुरूवार को बीजिंग में कहा कि बिपिन रावत नो जो बयान दिया है वो पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बयान से बिल्कुल अलग है। जब कि डोकलाम से दोनों देशों की सेना पीछे हट गई है और उसके बाद बिपिन रावत का इस तरह का बायान चीन के लिए चौकाने वाला है। अगर बिपिन ने ये बयान भारत सरकार की तरफ से दिया है तो ये चिंता का सबब बन सकता है।
बता दें कि बीते बुधवार को एक कार्यक्रम में भारतीय आर्मी चीफ बिपिन रावत ने कहा था कि भारतीय सेना को पाक और चीन से एक सा लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए। जिस वक्त भारत और चीन के बीच डोकलाम विवाद चल रहा था उस वक्त पाक ने अपनी आस्तीन चढ़ानी शुरू कर दी थी। वहीं पाकिस्तान का राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व भारत को अपना दुश्मन मानकर चलता है। जंग सच्चाई से बहुत दूर नहीं है। यह मानना एक मिथक ही है कि परमाणु हथियारों से लैस पड़ोसियों में जंग नहीं होगी। चीन आगे भी भारतीय इलाके में घुसपैठ की कोशिश कर सकता है।
वहीं चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने बयान जारी कर कहा कि भारत चीन को अपना दुश्मन या खतरा मानना छोड़े और यह साफ करे कि मतभेद नियंत्रण से बाहर न हो जाएं।’ पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग की शियामिन में ब्रिक्स बैठक के दौरान तीन दिन पहले हुई मुलाकात के बाद वांग यी का यह पहला बयान है। डोकलाम विवाद का जिक्र किए बिना यी ने कहा कि पिछले कुछ माहों में द्विपक्षीय संबंध ‘प्रभावित व कमजोर’ हुए हैं, उनकी स्पष्ट वजह है। मोदी-चिफिंग में बनी सहमति के अनुसार अब दोनों देशों को द्विपक्षीय रिश्ते सही दिशा में आगे बढ़ाने के कदम उठाना चाहिए।