वीरेन्द्र पाण्डेय
लखनऊ। कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कहर बरपाया। भारत की बात करें तो यहां पर इसकी दूसरी लहर ने ऐसा खौफ पैदा किया, जो कभी भुलाया नहीं जा सकेगा,लाखों लोग काल के गाल में समा गये।
अब तीसरी लहर की बात की जा रही है और उसमें सबसे ज्यादा खतरा बच्चों के लिए बताया जा रहा है। हालाकि जब इस बारे में राजधानी के जाने-माने बाल रोग विशेषज्ञ डा आशुतोष वर्मा से बात की, तो उन्होंने एक बात साफ कर दी कि कोरोना की तीसरी लहर आयेगी और उसमें सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को होगा। इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं दिखाई पड़ता है, फिर भी बच्चों को लेकर हमें सावधान रहने की जरूरत है।
लेकिन डा. वर्मा के मुताबिक मौजूदा समय में बच्चों को मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिन्ड्रोम यानी की एमआईएस से बचाने की जरूरत ज्यादा है। तो सबसे पहले मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिन्ड्रोम क्या है और यह कैसे खतरा पैदा कर रहा है,इसकी बात।
मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिन्ड्रोम
डा. आशुतोष वर्मा के मुताबिक मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिन्ड्रोम से बच्चों को बचाने की जरूरत है,उन्होंने बताया मौजूदा समय में ज्यादातर बच्चों की कोरोना वायरस की जांच यानी की आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आती है। लेकिन वह बीमार होते है,उन्हें इलाज की जरूरत होती है। उन्होंने बताया कि गले में खरास होना,पेट में दर्द,सूजन ,उल्टीयां आना यह सभी मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिन्ड्रोम के लक्षण है और ज्यादातर बच्चे इसी से पीड़ित होते हैं। उन्होंने बताया कि मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिन्ड्रोम तब होता, जब शरीर की इम्यूनिटी सिस्टम हाइपर हो जाता है,उन्होंने उदाहरण देते हुये बताया कि जब शरीर में वायरस जाता है तो शरीर के अन्दर मौजूद इम्यूनिटी सिस्टम तेजी से उस वायरस से लड़ने लगता है छ से सात दिनों में वायरस तो चला जाता है,लेकिन इम्यूनिटी सिस्टम हाइपर हो जाता है और वहीं बच्चों के लिए दिक्कत करता है।
डा आशुतोष वर्मा
यह लक्षण दिखें तो हो जायें सावधान
डा आशुतोष वर्मा के मुताबिक बच्चों में कुछ भी ऐसा दिखाई दे जो सामान्य न हो तो तत्काल अपने डाक्टर से सम्पर्क करें,इसमें जरा सी लापरवाही बड़ी समस्या उत्पन्न कर सकती है।
पेट में लगातार दर्द
बार-बार शौच होना
पेट फूला रहा हो
शौच में काला पन होना
लगातार बुखार बने रहना
बच्चा ज्यादा बेचैन हो रहा हो
उल्टीयां होना
डा वर्मा के मुताबिक यह सभी लक्षण कोरोना से संक्रमित होने के संकेत हो सकते हैं या फिर मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिन्ड्रोम के,ऐसे में यदि इनमें से कोई भी लक्षण किसी बच्चे में दिखाई पड़ता है,तो डाक्टर से परामर्श लेना बच्चे की सेहत के लिए बेहतर है।
लोकल होम हर्ड इम्यूनिटी
डा आशुतोष वर्मा के मुताबिक यदि बच्चों को कोरोना से बचाना है,तो सबसे ज्यादा जरूरी है कि लोकल होम हर्ड इम्यूनिटी बन जाये,यह तभी संभव है जब घर के सभी बड़े लोग कोरोना रोधी टीका यानी की वैक्सीन लगवा लें। उन्होंने साफ किया कि यदि अपने बच्चे को कोरोना संक्रमण से बचाना है,तो बड़ों को टीकाकरण करना होगा।