Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि की महा नवमी 30 मार्च 2023 को है। इस दिन मां दुर्गा की नौवीं शक्ति मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है। चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी पर नवरात्रि का समापन होता है, साथ ही इस दिन राम नवमी का त्योहार भी मनाया जाता है।
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां सिद्धिदात्री भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं और उन्हें यश, बल और धन भी प्रदान करती हैं। शास्त्रों में मां सिद्धिदात्री को सिद्धि और मोक्ष की देवी माना जाता है। आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि की महा नवमी पर मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि, मंत्र और मुहूर्त
चैत्र नवरात्रि 2023 महानवमी का मुहूत
- चैत्र शुक्ल नवमी तिथि शुरू – 29 मार्च 2023, रात 09.07
- चैत्र शुक्ल नवमी तिथि समाप्त – 30 मार्च 2023, रात 11.07
- शुभ (उत्तम) – सुबह 06.14 – सुबह 07.47
- अभिजित मुहूर्त – दोपहर 12.01 – दोपहर 12.51
दुर्गा नवमी 2023 शुभ योग
- सर्वार्थ सिद्धि योग – पूरे दिन
- रवि योग – पूरे दिन
- अमृत सिद्धि योग – 30 मार्च 2023, 10.59 – 31 मार्च 2023, सुबह 06.13
- गुरु पुष्य योग – 30 मार्च 2023, 10.59 – 31 मार्च 2023, सुबह 06.13
मां सिद्धिदात्री के मंत्र
- ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:
- या देवी सर्वभूतेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
- सिद्धगंधर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना यदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायनी॥
मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि
- चैत्र नवरात्रि की नवमी पर स्नान के बाद गुलाबी रंग के वस्त्र धारण करें।
- माता को कुमकुम, मौली, अक्षत, हल्दी, गुलाब के फूलों की माला अर्पित करें।
- कन्या भोजन के लिए बनाए प्रसाद हलवा, चना, पूड़ी का प्रसाद चढ़ाएं।
- “ॐ ह्रीं दुर्गाय नमः मंत्र का एक माला जाप करें।
- 9 कन्याओं का पूजन करें, कुमकुम का टीका लगाएं,उन्हें लाल चुनरी ओढ़ाएं।
- कन्याओं के साथ एक बटुक को भोजन खिलाएं। दान-दक्षिणा दें और कन्याओं से आशीर्वाद लेकर उन्हें विदा करें।
- पूरे विधि विधान से देवी के सहस्त्रनामों की हवन में आहुति दें और फिर नवमी तिथि समाप्त होने के बाद ही व्रत का पारण करें।