रोहिंग्या मुस्लिमों का मुद्दा इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है। रोहिंग्या मुस्लिमों का म्यांमार वापस भेजने की योजना पर केंद्र सरकार ने 16 पन्नों का हलफनामा दाखिल कर कहा कि कुछ रोहिंग्या शरणार्थियों का पाकिस्तान के आतंकी संगठनों का बारे में पता लगा है। जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से रोहिंग्या मुस्लिमों को लेकर आने वाले समय के लिए योजना बनाने को कहा था। केंद्र सरकार की तरफ से साफ कहा गया है कि रोहिंग्या मुसलमान देश की सुरक्षा के लिए खतरा साबित हो सकते हैं इसके खिलाफ याचिका को स्वीकार किया था और केंद्र सरकार से जवाब मांगा था। भारत सरकार की तरफ यह साफ कहा गया है कि रोहिंग्या मुस्लिम भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा हैं। गृह मंत्रालय की तरफ से अगर बात की जाए तो इस वक्त 14 हजार से ज्यादा रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थी के तौर पर भारत में रह रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार 40 हजार से ज्यादा रोहिंग्या मुस्लिम ऐसे हैं जोकि भारत में अवैध रूप से रह रहे हैं।
आपको बता दें कि रोहिग्या शरणार्थियों को वापस म्यांमार भेजने को मानवाधिकार नियमों का उल्लंघन रोहिंग्या शरणार्थियों में से मोहम्मद सलीमुल्लाह और मोहम्मद शाकिर ने बताया था। जुलाई महीने में गृह मंत्रालय ने अवैध प्रसासियों को भारत से वापस भेजने के लिए लोगों की पहचान करने का निर्देश राज्य सरकारों को दिया गया था। जिसके बाद से ही यह मुद्दा बढ़ता ही जा रहा है।