featured उत्तराखंड

अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में फर्जी तरीके से क्लेम हड़पने के आरोप में एमपी हॉस्पिटल के संचालक  पर केस

mp memorial hospital kashipur अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में फर्जी तरीके से क्लेम हड़पने के आरोप में एमपी हॉस्पिटल के संचालक  पर केस

देहरादून। अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में फर्जी तरीके से लाखों रुपये का क्लेम हड़पने के आरोप में रामनगर रोड स्थित एमपी मेमोरियल हॉस्पिटल के संचालक डॉ. संतोष श्रीवास्तव समेत अन्य के खिलाफ पुलिस ने धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ने यह कार्रवाई उत्तराखंड अटल आयुष्मान के अधिशासी सहायक धनेश चंद्र की तहरीर पर की है। आरोप है कि अस्पताल में आईसीयू बेड पर क्षमता से दोगुना रोगी भर्ती करना दर्शाया गया और एक दिन में मरीज का दो बार डायलिसिस कर दिया गया। 

एमपी मेमोरियल हॉस्पिटल के संचालक डॉ. संतोष श्रीवास्तव के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने में पुलिस को सात दिन लग गए। कटोराताल चौकी के मुंशी प्रमोद जोशी ने बताया कि एफआईआर का मजमून शाब्दिक, आंकिक और अंग्रेजी भाषा मिश्रित होने के कारण इस एफआईआर को लिखने में समय लगा। एफआईआर की कार्बन कॉपी जांच के लिए विवेचनाधिकारी को सौंपी जाएगी। अमर उजाला ने दिनांक 19 जून के अंक में अब तक की सबसे बड़ी एफआईआर लिखे जाने का समाचार प्रकाशित किया था।

अस्पताल में डायलिसिस की चार मशीने उपलब्ध हैं। हर दिन 14 मरीजों का डायलिसिस होना पाई गई। क्लेम हड़पने के फेर में एक मरीज का दिन में दो-दो बार डायलिसिस कर दिया गया। अधिकांश डायलिसिस आयुष्मान योजना में किए गए। डायलिसिस करने वाले डॉक्टर न तो नेफ्रोलॉजिस्ट हैं, न एमडी और न ही इसके विशेषज्ञ हैं। 

एमपी हॉस्पिटल द्वारा आयुष्मान योजना के आवेदन में पंजीकरण के कॉलम में एनए(उपलब्ध नहीं) लिखा गया है। योजना में हॉस्पिटल में पांच चिकित्सकों की उपलब्धता बताई गई। वहां कोई भी एमबीबीएस डॉक्टर 24 घंटे तैनात नहीं पाया गया। उपचार करने वाले सभी छह डॉक्टर सूचीबद्धता से अलग पाए गए। एमडी डॉक्टर को एमडी मेडिसिन दर्शाया गया। अनुबंध में केवल जनरल मेडिसिन, स्त्री एवं प्रसूति रोग, हड्डी रोग, जनरल सर्जरी व नियोनेटोलॉजी का उल्लेख है। जबकि यूरोलॉजी, पीडियाट्रिक सर्जरी, पोलीट्रॉमा और प्लास्टिक व रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी के मरीजों का उपचार किया गया।  अस्पताल में 29 सितंबर 2018 से आठ जून 2019 तक पांच मरीजों की उपचार के दौरान मौत हो गई है। इस बारे में अस्पताल प्रशासन ने राज्य स्वास्थ्य अभिकरण को कोई आख्या नहीं दी। इनके डेथ ऑडिट की कार्रवाई अलग से की जा रही है। 

एमपी मेमोरियल अस्पताल के तहत आबादी क्षेत्र में स्वास्थ्य शिविर लगाया गया। वहां अल्ट्रासाउंड में छूट प्रदान की गई। इनमें एक महिला को भर्ती होने की सलाह दी गई। अस्पताल में आयुष्मान कार्ड की फोटो खींचकर कुछ जांचें लिख दी गई और उसे घर भेज दिया। उसे एंट्रिक फीवर के उपचार के लिए भर्ती दिखाया गया। जबकि वास्वत में उसे भर्ती नहीं किया गया। अस्पताल में 31 सिजेरियन डिलीवरी दर्शाई गई। इनमें से ज्यादातर मामलों में नियोनेटल केयर का पैकेज वसूला गया। ंऐनीमल बाइट पैकेज के  तहत 40 मरीजों का उपचार होना बताया गया। इनमें 21 मरीजों को पूरा इलाज किए बगैर ही क्लेम प्रस्तुत कर दिया गया।

रामनगर रोड स्थित एमपी मेमोरियल हॉस्पिटल में व्यापक अनियमितताएं उजागर होने पर क्लेम राशि के भुगतान पर रोक लगाते हुए अस्पताल को योजना से हटा दिया गया। 4 जुलाई 2018 को अस्पताल को कारण बताओ नोटिस दिया गया था। 19 जुलाई 2019 को अस्पताल प्रबंधन ने नोटिस का जबाव दिया। जांच में 85 मामले ऐसे पाए गए, जिनमें मरीजो को उपचार अवधि से अधिक दिनों तक भर्ती होना दर्शाया गया। प्री आर्थो के 22 मामले फर्जी पाए गए। दिसंबर 2018 से फरवरी 2019 तक अस्पताल में 815 रोगियों के उपचार का क्लेम किया गया। आईसीयू में 263 मरीजों का उपचार होना दर्शाया गया। जांच में पता लगा कि अस्पताल के आईसीयू में दस बेड हैं। यहां आयुष्मान योजना में प्रतिदिन 11 से 20 मरीजों का उपचार होना बताया गया। आईसीयू में अटल आयुष्मान योजना में अधिकतर मरीजों का उपचार यूपी क्षेत्र के मरीजों का किया गया। अस्पताल में भर्ती का चार्ज 1800 की बजाय 2700 और आईसीयू में 3600 रुपये का चार्ज वसूला गया। अस्पताल में तीन अक्तूबर 2018 से नौ जून 2019 तक कुल 1773 डायलिसिस होना दर्शाया गया। इसके अलावा, अस्पताल प्रशासन ने 7.20 लाख रुपए का फर्जी क्लेम हासिल किया।

Related posts

सुशांत की मौत के आरोपों में घिरी गर्लफ्रेंड रिया ने वीडियो जारी करके दी सफाई..

Rozy Ali

यूपी विधानसभा उपाध्यक्ष चुनाव कल, भाजपा की ओर से नितिन अग्रवाल ने किया नामांकन

Neetu Rajbhar

शराब की दुकान के लिए वर्चस्व की लड़ाई, 72 लाख से शुरु हुई बोली 510 करोड़ पर हुई खत्म

Saurabh