नई दिल्ली। छींक आना मानव व्यहारों में से एक है जो सेहत के लिए काफी मायने रखता है, लेकिन कई बार हम किसी ऐसी जगह होंते है कि वहां छींकने से अलग असर पड़ता है तो ऐसी जगहों पर हम छींकने से बचते हैं। पर क्या आपको पता है कि हमारें ऐसा करने से इसका हमारी सेहत पर इसका काफी गंभीर प्रभाव पड़ता है।
वैसे तो ये सब नार्मल क्रियाएं है लेकिन लोग शर्म के वजह से फिर भी छींकने और हंसने से बचते है। लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि ऐसा करना गलत होता है क्योंकि Sneeze आना एक स्वस्थ इंसान की पहचान होती है और अगर इसे रोका जाता है तो बहुत सी समस्याएं शुरु हो जाती हैं।
कीटाणु का शरीर में रहना
जब भी कोई बाहरी तत्व या संक्रमण श्वांस के जरिए हमारे शरीर में प्रवेश कर रहा होता है तब हमें छींक आती है। ऐसे में शरीर को नुकसान पहुंचाने वाला वो तत्व शरीर के बाहर ही रह जाता है। जब भी हम छींकते हैं तो आपके शरीर से 160 किमी/घंटे की रफ्तार से तेज हवा निकलती है। ऐसे में अगर छींक रोकी जाती है तो ये रफ्तार वापस अंदर जाता है और ऐसा बार-बार करने से आंतरिक बीमारियां हो सकती हैं।
कफ की समस्या
कभी-कभी ऐसे में लोग इसे बर्दाश्त नहीं कर पाते और उनकी मृत्यु हो जाती है। साथ ही छींक रोकने से कफ भी शरीर में ही जमने लगता है और आपको नजला जुकाम जैसी बीमारियाँ भी घेर लेती है।
कान के पर्दे फटने का डर
जब हम छींक को रोकते हैं तो इसका असर हमारे कान के पर्दे पर पड़ता है। ऐसे में उसे जबरन रोकने से नाक की कार्टिलेज में फैक्चर होने, नाक से खून आने, कान का पर्दे फटने, सुनाई न देने, चक्कर आने, आंखों पर दबाव पडऩे से रेटिना क्षतिग्रस्त होने और चेहरे पर सूजन आने जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए छींक आने पर नाक और मुंह के सामने रुमाल या टिशू पेपर रख सकते हैं लेकिन छींक को आने से रोकने की गलती कभी न करें।
दिल का दौरा
छींक रोकने का दिल पर काफी बुरा असर पड़ता है। ऐसा करने से आपको दिल का दौरा भी पड़ सकता है। इसलिए छींक को कभी भी न रोकें। इसे रोकने से हमारे शरीर पर जो दबाव पड़ता है उससे हमारी जान भी जा सकती है। छींकना हमारे दिल के लिए काफी लाभदायक भी माना जाता है। छींक रोखने से आपके शरीर मे होने वाला वायु का दवाब सीधे आपके दिमाक पर पड़ता हैं जिससे आपकी जान भी जा सकती हैं या फिर आपको दिमाग की बीमारी भी हो सकती हैं।
पब्लिक प्लेस पर ऐसे छींके
यदि आपको छींकने में शर्म महसूस हो रही हो तो अपनी नाक पर रुमाल रख लें तथा फिर छींकें। आप छींकने का तरीका भी बदल सकते हैं जैसे बहुत धीमी आवाज़ में छींके। आप अपने हाथ से भी नाक और मुंह को ढंक सकते हैं।