नई दिल्ली। दिल्ली में सत्ताधारी अरविंद केजरीवाल की सरकार एक बार फिर से सवालों के घेरे में है। आज भाजपा ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करते हुए सत्तारूढ़ दल पर आरोप लगाया कि वह कैग की रिपोर्ट को असंवैधानिक तरीके से छिपा रही है जो विज्ञापनों पर सार्वजनिक धन को नष्ट करने का भंडाफोड़ कर सकती है।
प्रश्ननकाल के तुरंत बाद विपक्ष के नेता विजेंदर गुप्ता ने इस विषय को जमकर उठाया और कहा कि वो दिल्ली सरकार के खिलाफ लोकायुक्त, एसीबी और सीबीआई में शिकायत करेंगे। वहीं दूसरी ओर केजरीवाल सरकार ने सदन में साफ किया कि उनके पास कोई कैग रिपोर्ट नहीं आई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कैग (नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक) ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि साल 2015 -16 में सरकार ने विज्ञापनों पर करीब 114 करोड़ रूपये खर्च किये हैं। साथ ही कैग ने इस बात पर भी आपत्ति जताई की जहां सरकार को विज्ञापनों में दिल्ली सरकार लिखना था वहां उन्होंने आप की सरकार या केजरीवाल सरकार लिखा है।
हालांकि, इस पूरे मामले को लेकर केजरीवाल सरकार का कहना है कि उनके पास कैग की कोई रिपोर्ट नहीं आई है।
बता दें, दिल्ली सरकार अपने विज्ञापनों को लेकर शुरू से ही विपक्ष के निशाने पर रही है। विपक्ष का दावा है कि कैग की रिपोर्ट ने भी सरकार के विज्ञापनों को लेकर कई तरह के सवाल खड़े किए हैं।