नई दिल्ली। बुधवार को केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उटाने के लिए आधार कार्ड जरूरी है जिसके लिए केंद्र ने उसकी तारीख बढ़ाकर 30 सितंबर से 31 दिसंबर तक कर दी है। अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट की बेंच को एक बयान जारी कर यह जानकारी दी है। आधार को चुनौती देने वाली याचिका के अनुसार सुप्रीम कोर्ट नवंबर के पहले हफ्ते में सुनवाई के लिए मान गया था।
बता दें कि हकीकत में अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट तीन बेंच के सामने रखने को लेकर निवेदन किया था जिसकी अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश दीपक मिक्षा ने की थी। दीपक ने ये निवेदन किया था कि इन याचिकाओं को पांच जजों की संवैधानिक पीठ के बजाए तीन जजों की संवैधानिक पीठ के सामने रखा जाए। दरअसल 27 जून को कल्याणकारी योजनाओं के लिए आधार की अनिवार्यता को 30 जून से बढ़ाकर 30 सितंबर कर दिया था।
वहीं इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की संवैधानिक पीठ ने निजता के अधिकार (राइट टू प्राइवेसी) को मौलिक अधिकार माना था। उस समय केंद्र सरकार ने कहा था कि कल्याणकारी योजनाओं के लिए 30 सितबंर तक कि छूट दी है, मसलन यदि 30 सितंबर के बाद आधार कार्ड नहीं होगा तो इन योजनाओं का लाभ नहीं लिया जा सकेगा। संविधान पीठ अबतक आधार कार्ड को स्वैच्छिक रूप से मनरेगा, पीएफ, पेंशन और जनधन योजना के साथ लिंक करने की मंजूरी दे चुका है, लेकिन पीठ ने स्पष्ट कर दिया था कि इसे अनिवार्य नहीं किया जाएगा।