नई दिल्ली । वियतनाम के राष्ट्रपति त्रान दाई क्वांग भारत के तीन दिवसीय आधिकारिक दौर पर शुक्रवार को भारत पहुंच रहे हैं। उनकी इस यात्रा का प्रमुख एजेंडा दोनों देशों के बीच में रक्षा और व्यापारिक संबंधों को और मजबूती प्रदान करना होगा। उनकी इस यात्रा के दौरान भारत-वियतनाम के बीच परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग सहित अनेक क्षेत्रों में सहयोग के समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की भी संभावना है। आपको बता दें कि त्रान की राष्ट्रअध्यक्ष के तौर पर भारत की ये पहली यात्रा है और भारत में वियतनाम के राजदूत तोन सिन्ह थान्ह ने बताया कि उनके साथ 18 सदस्सीय प्रतिनिधिमंडल भी आ रहा है, जिनमें वहां के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री फाम बिन मिन्ह के अलावा कई मंत्री भी शामिल है।
इस दौरान एक प्रेस वार्ता के दौरान थान्ह ने बताया कि 2 मार्च से शुरू हो रही इस यात्रा में दक्षिण चीन सागर के मुद्दे पर भी बातचीत की जाएगी क्योंकि वहां चीन लगातार अपनी दखलांदाजी बढ़ा रहा है। वहीं भारत पहुंचने के बाद वियतनाम के प्रधानमंत्री सबसे पहले दो मार्च को बिहार के बोध गया स्थित बौद्ध धर्म स्थल का दौरा करेंगे और अगले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक करेंगे। इसके बाद वो चार मार्च को नीतियों से संबंधित एक भाषण देंगे। आपको बता दें कि पीएम मोदी ने 2016 में वियतनाम का दौरा किया था और तब दोनों देशों ने अपनी ‘रणनीतिक भागीदारी’ को ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ में तब्दील करने पर सहमति जताई थी।
वियतनामी दूतावास में काउंसलर त्रान ले तिएन ने कहा कि दोनों देशों के बीच तीन करार होने पर सहमति बन गयी है जिनमें पांच करोड़ डॉलर की लागत से एक कोयला टर्मिनल के निर्माण का समझौता, नेहॉन में एक बंदरगाह के विकास एवं संचालन संबंधी करार तथा टाटा समूह के साथ कृषि उपकरणों की आपूर्ति का करार शामिल है। इसके अलावा दूरसंचार के क्षेत्र में सहयोग के करार पर भी विचार विमर्श जारी है। उनकी यात्रा के दौरान भारत से विएतनाम के बीच नॉनस्टॉप हवाई सेवा का भी उद्घाटन किया जाएगा।