नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी के 500 और 1000 के नोटों को बंद करने की मुहिम की जहां पूरे देश में तारीफ की जा रही है वहीं दूसरी तरफ विरोधी दल इस पर भी अलग-अलग प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इसी क्रम में बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और उनके इस कदम को आर्थिक आपातकाल बताया है। उन्होंने कहा कि पीएम के नोट बंद करने के पीछे नियत साफ नहीं है।
गुरुवार को सुबह मीडिया को संबोधित करते हुए बसपा प्रमुख ने कहा कि मोदी जी का ध्यान देश के सिर्फ बड़े उद्योगपतियों के ऊपर है, गरीबों के बारे में वह ध्यान नहीं दे रहे हैं, ऐसे में जनता उनसे पूरी तरह से नाराज है। मोदी जी ने कई सारे वादे किए कि विदेशों से काला धन वापस लाएंगे, जब ऐसा करने में वे असमर्थ रहे, तो उन्होंने लोगों का ध्यान बांटने के लिए यह कदम उठाया है। इस कदम को बढ़ा चढ़ा कर पेश किया जा रहा है पर यहां पर यह भूल जाते हैं कि इससें लोगों के दैनिक जीवन पर कितना बुरा प्रभाव पड़ा है।
मायावती ने कहा कि गरीबों में इस कदम से हाहाकार मची हुई है। अघोषित आर्थिक आपातकाल लगाकर मोदी जी ने घारे लापरवाही का नजारा पेश किया है। गरीब और मध्यमवर्गीय तब्का इस कदम से बहुत नाराज है। बसपा, सपा और कांग्रेस जैसी पार्टियों के मनसूबे बस गरीबों को परेशान करने का है, और मोदी जी के इस कदम का, जिससे जनता परेशान हो रही है, इसका जबाब आने वाले विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा।
बसपा अध्यक्ष ने कहा मोदी सरकार से जनता मायूस है। सरकार का ध्यान किसानों की ओर न जाकर देश के बड़े-बड़े पूंजीपतियों की ओर है। बसपा प्रमुख ने कहा कि लोगों का चुनाव से ध्यान हटाने के लिए बड़े नोटों को बंद करने का कदम उठाया गया है।उन्होंने कहा, “मोदी ने गरीबों के बारे में नहीं सोचा है। इससे भाजपा को आर्थिक मजबूती मिली है। अभी तक विदेश से कालाधन नहीं आया है। नोट के बंद होने के बाद से हर तरफ हाहाकार मच गया है। प्रधानमंत्री मोदी के इस फैसले से आम जनता के दैनिक कार्य प्रभावित हुए हैं।”