लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री और भारत समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने एक बार फिर योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राजभर ने कहा है कि बहराइच आने पर उन्हें अफसरों ने प्रोटोकॉल इसलिए नहीं दिया क्योंकि वो छोटी जाति से हैं। अपनी गलत बयानबाजी के चलते सुर्खिया बटोरने वाले राजभर गुरुवार को बहराइच पहुंचे थे उनका मानना है कि ये बयान गलत नहीं बल्कि धरातल से जुड़े हुए होते हैं।
कैबिनेट मंत्री राजभर ने खुद को उपेक्षा का शिकार बताते हुए अपनी ही सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि आज अगर मैं छोटी जाति का नहीं होता तो जिले में पहुंचने के बाद अधिकारी मेरे आगे पीछे नजर आते, जबकि आज प्रोटोकॉल होने के बावजूद कोई अधिकारी नहीं आया और न ही उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। योगी सरकार पर हमला करते हुए राजभर ने कहा कि बीजेपी में जातिवाद चरम सीमा पर है। नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह के रिश्तेदार उच्च पदों पर भर्ती हैं।
योगी सरकार में शासन से लेकर थानों तक व्याप्त जातिवाद है। राजभर ने कानून के मामले में योगी सरकार की व्यवस्था को आड़े हाथों लिया और बसपा शासनकाल को बेहतर बताते हुए माया चालीसा तक पढ़ डाली। राजभर ने कहा कि जब मायावती का शासन था तो अधिकारी अपने बचाव के लिए हनुमान चालिसा की जगह माया चालिसा का जाप करते थे। अखिलेश यादव के ट्विटर पर एक्टिव होने की बात पर राजभर ने जमकर अखिलेश पर शब्दों के तीर चलाए।
राजभर ने कहा कि अखिलेश यादव पहले खुद अपने कार्यकाल को देख लें कि जब उनका शासन काल था तब अपने ही चहेते और परिवार के लोगों को फायदा पहुंचाया। पुलिस भर्ती से लेकर अन्य सभी लाभ के पदों पर उन्हीं के बिरादरी के लोग काबिज थे। अब वही अखिलेश सवाल उठा रहे हैं। बसपा और सपा के गठबंधन पर कटाक्ष करते हुए राजभर ने कहा कि तब ये दोनों लोग अलग-अलग लूटने का कार्य करते थे अब दोनों एक साथ मिलकर लूटेंगे।