उत्तर प्रदेश सरकार और भाजपा संगठन में क्या कुछ बदलेगा? कैसे बदलेगा? कब बदलेगा? कौन-कौन बदलेगा? ये सवाल अब भाजपा और विपक्षी दलों के साथ आम आदमी की जुबान पर भी तैरने लगे हैं। भाजपा के प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह के यूपी दौरे ने बदलाव की इन चर्चाओं को फिर बल मिला गया है।
यूपी की सियासत में रविवार का दिन काफी गर्म रहा। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष के दौरे के बाद शनिवार देर शाम प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह लखनऊ पहुंचे। रविवार को उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात की। सूत्रों की मानें तो राधा मोहन सिंह ने राज्यपाल को एक लिफाफा सौंपा। उस लिफाफे में क्या था, यह जानने को हर कोई बेचैन दिखा।
बंद लिफाफे में क्या था, यह किसी को पता नहीं। मगर, इस बात की चर्चा शुरू होते ही सबने फिर अपने-अपने कयास लगाने शुरू कर दिए। बदलाव की बातों का दौर शुरू हो गया। हालांकि राधा मोहन सिंह ने ऐसी किसी भी संभावना को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, राज्यपाल पुरानी परिचित हैं, उनसे आज तक मिल नहीं पाया था। आज उसी औपचारिकता को लेकर मुलाकात की है। संगठन और सरकार अच्छी तरह चल रहे हैं। कुछ सीटें खाली हैं उन पर उचित समय पर मुख्यमंत्री निर्णय लेंगे।
सुबह प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से भी की मुलाकात
राधा मोहन सिंह ने कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन के निवास पर प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से भी मुलाकात की। इस दौरान दोनों के बीच विस्तार से चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में सरकार और संगठन दोनों बेहतरीन काम कर रहे हैं।
विधानसभा अध्यक्ष से भी की मुलाकात
राधा मोहन सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित से भी मुलाकात की। हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि साहित्य और इतिहास पर राधामोहन सिंह के साथ चर्चा हुई है। लंबी मुलाकात के बाद विधानसभा अध्यक्ष की इस बात पर न भाजपा के लोगों को भरोसा है न ही विरोधी दलों को। हर कोई अटकलें लगा रहा है कि दोनों के बीच यूपी में बदलाव को लेकर बातचीत हुई होगी।
बड़ा सवाल, कब तक होगी एके शर्मा की ताजपोशी
यूपी में सियायत में हलचल मचाने वाले पीएम मोदी के चहेते एके शर्मा की ताजपोशी कब तक होगी, यह बड़ा सवाल बन गया है। एके शर्मा को उपमुख्यमंत्री बनाकर गृह विभाग दिए जाने की चर्चाएं अभी भी कमजोर नहीं हुई हैं। राजनीति के जानकार मान रहे हैं कि केन्द्र का जो रुख है उससे देखते हुए यह तय है कि देर-सवेर परिवर्तन होकर रहेगा। बस इंतजार का वक्त मुश्किल से कट रहा है।
चेहरा योगी ही होंगे, कौन-कौन बदलेगा यही चर्चा-ए-आम
2022 में उत्तर प्रदेश में भाजपा का चेहरा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही होंगे। उनके इर्द-गिर्द बदलाव की चर्चाएं हैं। क्या-क्या बदला जाएगा, इस पर सिर्फ कयास ही लगाए जा रहे हैं। दरअसल, भाजपा का जो भी दिग्गज उत्तर प्रदेश के दौरे पर आ रहा है, वह सबकुछ सामान्य होने का दावा कर रहा है। मगर, हालात बता रहे हैं कि कुछ भी सामान्य नहीं है। ऐसे में आलाकमान क्या और किस तरह से करता है, इस पर सबकी नजर है।
किसी भी तरह की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती पार्टी
जानकारों का कहना है कि बदलाव की पूरी पटकथा लिखी जा चुकी है। मगर, पार्टी किसी भी तरह की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती है। दरअसल, बदलाव से अगर कोई भी गुट नाराज होता है तो वह चुनाव में पार्टी के लिए जुटने की बजाय नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा। यूपी में नुकसान का मतलब भाजपा व संघ अच्छे से जानते हैं। ऐसे में बदलाव सबको साधने के बाद ही किया जाएगा। या फिर कम से कम नुकसान होने की स्थिति में, ऐसा नुकसान जिसकी भरपाई अगले कुछ ही महीनों में कर ली जाए।