गोरखपुर। गोरखपुर में बीआरडी अस्पताल में हुई बच्चों की मौत के बाद इस मामले में राजनीति काफी ज्यादा बढ़ गई है। अब इस पर सियासी बयानबाजी काफी तेज हो गई है। सूबे में स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने का दावा करने वाली योगी सरकार एक बार फिर से आरोपों के कटघरे में खड़ी हो गई है और अब योगी सरकार को चारों तरफ से घेरा जा रहा है। ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के कहने के बाद चार नेता गोरखपुर में पहुंच गए हैं। यहां पर कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी, गुलाम नबी आजाद, संजय सिंह और राज बब्बर गोरखपुर में पहुंचने के बाद कांग्रेस ने योगी सरकार पर जमकर हमला बोला है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने गोरखपुर पहुंच कर योगी सरकार पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा है कि यह घटना काफी दुखद है और अस्पताल में बच्चों की मौत नहीं हुई है, यहां बच्चों की हत्या की गई है। उन्होंने कहा है कि बच्चों की मौत में डॉक्टरों की कोई भी गलती नहीं है, बच्चों की हत्या के जिम्मेदार सूबे के नेता हैं। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार की लापरवाही के कारण बच्चों की मौत हुई है और इसके लिए राज्य सरकार ही दोषी है। गुलाम नबी आजाद ने सीधे तौर पर सीएम योगी पर हमला बोलते हुए कहा है कि सूबे में राज्य में दो मंत्री हैं और घटना के बाद स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य सचिव के साथ साथ सीएम योगी को भी इस्तीफा देना चाहिए और सीएम योगी को इस मामले में पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए।
उन्होंने कहा है कि सीएम, स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य सचिव को पद पर रहने का कोई भी हक नहीं है और योगी सरकार के कारण ही बच्चों की मौत हुई है। इसके बाद उन्होंने योगी सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि राज्य सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था पर कोई ध्यान नहीं देती है, और राज्य सरकार ने अस्पताल की मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया है। उन्होंने बताया है कि अस्पताल एडमिनिस्ट्रेशन ने पहले ही सरकार को लिख कर इसके बारे में अवगत कराया था लेकिन पहले से जानकारी होने के बाद भी इस मामले में कोई ध्यान नहीं दिया गया और ऑक्सीजन सप्लायर को पैसे नहीं दिए गए। उनका कहना है कि इस मामले की जांच के लिए सांसदों की टीम बनानी चाहिए और अस्पताल में नए वार्ड भी बनाए जाने चाहिए।
योगी सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा है कि सूबे में लॉ एंड ऑर्डन बीजेपी के शासन में जंगल राज हो गया है और बच्चों की मौत का जिम्मेदार योगकी सरकार है। उन्होंने कहा है कि पीड़ितों को अस्पताल से भगा दिया गया। ऐसा इसलिए किया गया ताकि किसी का भी बयान दर्ज ना किया जा सके। उन्होंने कहा है कि सीएम योगी की इस मामले के बाद इस्तीफा देना चाहिए और मामले की जांच के लिए टीम बनाई जानी चाहिए।