बेंगलुरू। वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या को संघ परिवार से जोड़ने पर जाने माने इतिहास रामचंद्र गुहा को कानूनी नोटिस भेजा है और बिना किसी शर्त से उनसे मांफी मांगने को कहा कि नोटिस में कहा गया है कि गुहा ने जानबूझ कर इस तरह की टुप्पणी की है इस तरह कि टिप्पणी कर वो आरएसएस और बीजेपी को बदनाम करना चाहते हैं। इसमें गुहा को उद्धृत करते हुए कहा था कि इस बात का पूरा अंदेशा है कि गोरी के हत्यारे भी उसी परिवार से आते हैं जिस परिवार से डाभोलकर, पनसारे और कलबुर्गी के हत्यारे आए थे। फिलहाल इस पर अभी तक गुहा की टिप्पणी नहीं मिल पाई है। बीते पांच सितंबर को गोरी लंकेश का उनके घर के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
बता दें कि इस नोटिस में गुहा की टिप्पणी को गलत और आधारहीन बताया गया है। कहा गया है कि गुहा के इन आरोपों से आरएसएस और बीजेपी की छवि और प्रतिष्ठा को धूमिल करने की कोशिश की गई है। इस विवाद के बीच गुहा ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि एक किताब या लेख का जवाब दूसरी किताब या लेख ही हो सकते हैं। लेकिन हम अब अटल के भारत में नहीं रह रहे। वहीं उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा कि आज भारत में स्वतंत्र लेखकों और पत्रकारों का उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्हें सताया जा रहा है और उनकी हत्या की जा रही है। लेकिन, हमें चुप नहीं होना है।
वहीं इससे पहले कर्नाटक के श्रृंगेरी से बीजेपी के एक विधायक और पूर्व मंत्री जीवराज ने गौरी लंकेश को लेकर एक विवादित बयान दिया था। चिकमंगलुरु में एक कार्यक्रम में विधायक ने कहा कि गौरी लंकेश ने अगर आरएसएस के ख़िलाफ़ नहीं लिखा होता तो आज वह ज़िंदा होतीं. बीजेपी विधायक ने कहा कि गौरी लंकेश जिस तरह लिखती थीं, वो बर्दाश्त के बाहर था।