नई दिल्ली। नोटबंदी को लेकर सरकार पर विपक्षी पार्टियां आरोप लगाती रही हैं कि भाजपा के नेताओं को पहले से ही नोटों के बैन होने की खबर मिल चुकी थी और बीजेपी के सारे नेता अपने कालेधन को पहले ही ठिकाने पर लगा चुके हैं।
अब कांग्रेस, जेडी(यू) और आरजेडी जैसी कई विरोधी पार्टियों ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने नोटबंदी के ठीक पहले देश के कई हिस्सों में जमीनें खरीदी हैं, जमीनाें को खरीदने में अरबों रुपयों को खर्च किया गया है, साथ ही विरोधी पार्टियों का आरोप है कि इस सौदे के द्वारा भाजपा ने अपने सारे कालेधन को ठिकाने लगाया है।
भाजपा ने नोटबंदी से ठीक पहले बिहार और देश के अलग अलग कोनों में करोड़ो और अरबों की संपत्ति कैश और चेक के माध्यम से खरीदी (1/n) pic.twitter.com/mGn9zvEjBN
— Randeep S Surjewala (@rssurjewala) November 25, 2016
कांग्रेस की तरफ से आरोप लगाते हुए प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि भाजपा को नोटबंदी के बारे में पहले से सूचना थी, इसलिए देश के बिहार समेत कई राज्यों में करोड़ों रुपयों को ठिकाने लगाते हुए जमीन का सौदा किया गया है। उनका मानना है कि पार्टी में ये बात काफी पहले से ही चल रही थी इसलिए अगस्त से नवंबर की शुरुआत में ये खरीददारी की गई है, इससे संबंधित दस्तावेज भी सुरजेवाला ने अपने ट्वीटर पर शेयर किए हैं।
विरोधी पार्टियों ने सरकार पर निशाना साधना शुरु कर दिया है, बताया जाता है कि खरीदी गई जमीनें बीजेपी के विधायक दिलीप कुमार जायसवाल, संजीव चौरसिया और लाल बाबू प्रसाद के नाम पर हैं, इसके साथ ही ऐसी भी खबरें हैं कि चौरसिया ने इस बात को स्वीकार भी किया है कि पार्टी ऑफिसों के निर्माण के लिए उनसे जमीनों को खरीदने के लिए कहा गया था। जेडीयू ने भी आरोप लगाया है कि मामला कालेधन को छुपाने का हो सकता है जिसके लिए भाजपा ने जमीनें खरीदने का चाल किया है, इस मामले की जांच होनी चाहिए।