हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने वाहनों के लिए देशभर में एक जैसे ‘नो पॉल्यूशन सर्टिफिकेट’ के प्रारूप की घोषणा की है। जिसके लिए बड़े पैमाने पर वाहन प्रदूषण जांच केंद्रों की जरूरत होती है। जहां वाहनों का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनवाया जाता है।
147 प्रखंडों में प्रदूषण जांच केंद्र नहीं
वहीं इसी कड़ी में बिहार में प्रदूषण जांच केंद्रों की संख्या बहुत कम है। प्रदेश के 534 प्रखंडों में से 387 प्रखंडों में 1000 से अधिक प्रदूषण केंद्र हैं। लेकिन 147 प्रखंडों में प्रदूषण जांच केंद्र नहीं हैं। ऐसे में राज्य सरकार ने प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए 3 लाख रुपये तक की सहायता देने की घोषणा की है।
10 हजार तक जुर्माने का प्रावधान
बता दें कि पॉल्यूशन सर्टिफिकेट नहीं होने पर 10 हजार तक जुर्माने का प्रावधान है। तो अगर आप बिहार के हैं और प्रदूषण जांच केंद्र खोलना चाहते हैं, तो ये जानकारी आपके लिए ही है। बिहार सरकार प्रोत्साहन के माध्यम से लाभुकों को लागत का 50 फीसदी तक सहायता देगी। और ये राशि 3 लाख रुपये तक की होगी।
सहयोग राशि का प्रावधान लागू
राज्य में अबतक प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए सरकार की ओर से लोगों को कोई सहायता राशि नहीं दी जाती थी। लेकिन अब इसके लिए सहयोग राशि का प्रावधान किया गया है। परिवहन विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार किया, जो जल्द ही प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष ले जाया जाएगा।
प्रखंड में एक प्रदूषण जांच केंद्र हो
दरअसल परिवहन विभाग की योजना है कि हर प्रखंड में कम से कम एक वाहन प्रदूषण जांच केंद्र हो। शोरूम्स और सर्विस सेंटर्स में भी जांच केंद्र खोलने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। जबकि चलंत प्रदूषण जांच केंद्रों के भी प्रावधान किए गए हैं।