पटना। इस साल बिहार को वस्तु एवं सेवा कर लागू होने से टैक्स कलेक्शन में हुए फायदे और नुकशान को लेकर दो अलग-अलग रिपोर्ट सामने आई है। पहली रिपोर्ट में राज्य के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने दावा किया है कि जीएसटी के आने के बाद बिहार का राजस्व संग्रह लगातार कम हुआ है, जोकि चिंता का विषय है। वहीं दूसरी तरफ जीएसटी और केंद्रीय उत्पाद कर के मुख्य आयुक्त शिव नारायण सिंह इससे उलट ही आकड़े पेश कर रहे हैं। उनका कहना है कि जीएसटी के आने के बाद जहां बिहार का राजस्व संग्रह 35 फीसदी बढ़ा है तो वहीं झारखंड के राजस्व संग्रह में 20 फीसदी का इजाफा हुआ है।
बिहार के वित्त मंत्री मोदी के आकड़ो की बात करें तो उनका कहना है कि राज्य का राजस्व संग्रह 39 फीसदी तक घट गया है। उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी अखबारों के लिए जारी किए अपने बयान में कहा है कि राज्य का आंतरिक कर राजस्व संग्रह अभी तक लक्ष्य से 39 फीसदी कम है, लेकिन चिंता की बात जीएसटी के तहत लगातार कम होता राजस्व संग्रह हैं। इसके पीछे की वजह मोदी ने वाणिज्य कर के रूप में 25000 करोड़ रुपये कम जमा होने को वजह बताया है।
दूसरी तरफ जमशेदपुर में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य आयुक्त शिव नारायण सिंह ने कहा कि बिहार और झारखंड में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद चालू वित्त वर्ष के दौरान राजस्व संग्रह पिछले साल की तुलना में बढ़ गया है। वहीं, संवाददाता सम्मलेन में मौजूदा जीएसटी और केंद्रीय उत्पाद कर (जमशेदपुर) के आयुक्त अजय पांडेय ने बताया कि इस दौरान जमशेदपुर सर्कल में टैक्स कलेक्शन 10 प्रतिशत बढ़ा है।