नई दिल्ली। कृषि कानून के विरोध में किसान आंदोलन को आज 22वां दिन है। किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के चारों ओर डेला डाले हुए हैं। इसी बीच ठंड के बढ़ने के कारण कई किसानों की मौत भी हो चुकी है। इतना ही नहीं कल किसान आंदोलन के चलते एक ओर घटना सामने आई है। किसानों के दर्द से व्यथित होकर बुधवार को सिंघु बॉर्डर के नजदीक करनाल जिले के निसिंग इलाके के सिंघरा गांव के रहने वाले संत राम सिंह (65) ने कथित तौर पर खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली। इसके साथ ही किसान आंदोलन के बीच सिंघु बॉर्डर पर आत्महत्या करने वाले बाबा राम सिंह का 18 दिसंबर को अंतिम संस्कार किया जाएगा। संतों का फैसला है कि उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा।
पुलिस को मिला बाबा के हाथ से एक नोट-
बता दें कि कड़ाके की सर्दी में भी हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। बीते दिन सिंघु बॉर्डर पर बाबा राम सिंह ने आत्महत्या कर ली, जिसके बाद माहौल गर्माया है। राहुल गांधी समेत अन्य नेताओं ने सरकार पर निशाना साधा है। पुलिस के मुताबिक, मृतक ने कथित रूप से पंजाबी में हाथ से लिखा एक नोट भी छोड़ा है, जिसमें कहा गया है कि वह ‘किसानों का दर्द’ सहन नहीं कर पा रहा है। पुलिस नोट की जांच कर रही है। सोनीपत पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि सिंह को पानीपत के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। ऐसे में एहतियात के तौर पर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने टिकरी, धनसा बॉर्डर को किसी भी तरह के ट्रैफिक मूवमेंट के लिए बंद कर दिया। पुलिस ने झटीकरा बॉर्डर को केवल दोपहिया और पैदल यात्रियों के लिए खुला रखा। वहीं प्रदर्शनकारी किसानों ने एक बार फिर से नोएडा को दिल्ली से जोड़ने वाली चिल्ला सीमा को जाम कर दिया। इससे नोएडा लिंक रोड बंद हो गया। वहीं, गाड़ियों की आवाजाही को रोक दिया गया। बड़ी संख्या में किसान एक बार फिर से ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ चिल्ला बॉर्डर पर पहुंच गए।
मनोहर लाल खट्टर ने जताया दुख-
वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, “संत बाबा रामसिंह जी का निधन संत समाज, देश, राज्य और मेरे लिए अपूरणीय क्षति है। यह अत्यंत दुख का क्षण है, बाबा जी की आत्मा, परमात्मा में विलीन हो। हम उनके दिखाए मानव-कल्याण के मार्ग पर चलने को संकल्पित हैं, यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।