हिमाचल प्रदेश चुनाव, विकास कम
बात हो अगर हिमाचल की तो यहां सभी 68 सीटों पर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार बैठा दिए हैं। कांग्रेस की तरफ से सीएम वीरभद्र सिंह चुनाव के लिए वोट बटोरने का कोई भी मौका नहीं झोड़ने वाले हैं। सीएम वीरभद्र सिंह अपने दिन की शुरुआत होने से पहले ही अपनी रणनीति बना लेते हैं। सीएम वीरभद्र सिंह के साथ साथ पार्टी के अन्य सदस्य यहां जनता के बीच कांग्रेस के लिए माहौल बना रहे हैं। तो दूसरी तरफ बीजेपी की तरफ से भी कोई कसर नहीं झोड़ी जा रही है। बीजेपी की तरफ से फायर ब्रांड नेताओं की तरफ से हिमाचल में कांग्रेस पर वार किए जा रहे हैं।
चुनाव के वक्त बीजेपी किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतना चाह रही है। इसलिए कभी बीजेपी फायर ब्रांड नेता और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ हिमचाल में बीजेपी के लिए माहौल बना रहे हैं तो कभी बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष और पार्टी में चाणक्य की भूमिका रखने वाले अमित शाह की गरज हिमाचल में पहुंच रही है। ऐसे में साफ तौर पर कहा जा सकता है कि जंग तीखी ही होने वाली है। हालांकि कांग्रेस के लिए हमेशा से ही वंशवाद का मुद्दा गले की फांस बनता रहा है।
बीजेपी लगातार हिमाचल प्रदेश के सीएम वीरभद्र सिंह पर भ्रष्टाचार का आरोप का आरोप लगा रही है। बीजेपी लगातार कांग्रेस को विकास के मुद्दे पर घेर रही है। यहां पर भी कांग्रेस के लिए वंशवाद का मुद्दा उठकर सामने आ रहा है। मामला यह है कि कांग्रेस के बीच तनातनी का माहौल बना हुआ है। ऐसे में माना जा रहा है कि सीएम वीपभद्र सिंह के आगे एक बार फिर से पार्टी ने घुटने टेक दिए हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि सीएम वीरभद्र सिंह को पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ने के लिए टिकट दे दी गई है। यह टिकट भी उस सीट से दी गई है जहां से सीएम वीरभद्र सिंह खुद चुनाव लड़ते थे।