पटना। आखिरकार बिहार के किस्मत में फिर लिख गया एक और घोटाला। बीते साल हुए टॉपर्स स्कैम से बिहार का पीछा नहीं छूटा था, कि इस बार फिर उसका साया वहां के रिजल्ट पर पड़ा । पहले तो 65 फीसदी बच्चे फेल हो गया। फिर तलाश हुई टॉपर्स की तो कहानी कुछ बीते साल जैसी नजर आने लगी। टॉप भी कम खिलाड़ी ना था बैठ गया अपने आपको सिद्ध करने के लिए कभी हरमोनिया लेकर तो कभी ढोलक लेकर ।
लेकिन कहते हैं ना झूठ को लाख छिपाया जाये पर सच्चाई तो सामने आ ही जाती है। टॉप करने पर संदेह तो था है लेकिन अब गणेश के ऊपर सरकारी तंत्र से झूठी सूटना देने का आरोप लगा है। उसने परीक्षा फॉर्म में गलत जानकारियां दी थी।गणेश ने इससे पहले 1990 में मैट्रिक की परीक्षा दी थी। जिसमें उसकी जन्मतिथि 7/11/1975 लिखी है। वहीं उसका नाम गणेश राम है और उसने वह परीक्षा झारखंड के सीरिया के सीआरएसएआर विद्यालय से दी थी। अब उसने इंटर की परीक्षा में अपनी जन्मतिथि 2/6/1993 बताई है। इस बार इंटर की परीक्षा समस्तीपुर के चकहबीब के रामनंदन सिंह जगदीप नारायण उच्च विद्यालय से दी है।
हांलाकि बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा है कि उसकी कापियों में जांच के दौरान कोई गलतियां नहीं पाई गई है। लेकिन इस झूठ के चलते उसके खिलाफ कार्रवाई की गई है। वैसे भी इस बार सख्ती के चलते काफी छात्रों के रिजल्ट खराब हो गये हैं। ये बड़ी चिन्ता का बिषय है। अब गणेश का रिजल्ट रद्द कर सरकार ने कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज करा गणेश को हिरासत में भिजवा दिया है।