पिछले साल लंबी बिमारी के चलते तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता की मौत हो गई थी। जिसे लेकर एक नया खुलासा हुआ है। अपोलो अस्पताल के चेयरमेन डॉक्टर प्रताप सी रेड्डी के अनुसार, जयललिता का 75 दिनों तक इलाज चला था और इस दौरान अस्पताल के कोमरे बंद कर दिए गए थे। साथ ही जयललिता के लिए 24 बेड का पूरा आईसीयू डिपार्टमेंट बुक किया गया था और वह उसमें अकेली मरीज थीं।
अपोलो इंटरनेशनल कोलोरेक्टल सिम्पोसियम सम्मेलन 2018 की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रेड्डी ने संवाददाताओं से यह भी कहा कि अपोलो अस्पताल प्रबंधन मद्रास उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश ए अरुमुघस्वामी की अध्यक्षता वाले जांच आयोग को सभी दस्तावेज सौंप चुका है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या सीसीटीवी फुटेज भी सौंप दी गई हैं? इस पर उन्होंने कहा कि ‘जिस दिन वह अस्पताल में भर्ती हुई उसी दौरान सभी कैमरों को बंद करवा दिया गया था। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि वह नहीं चाहती थीं कि उनके इलाज से जुड़ी फुटेज कैमरे में कैद ना हो। साथ ही आईसीयू में आना-जाना भी प्रतिबंधित कर दिया गया था। उस आईसीयू में मौजूद अन्य मरीजों की दूसरी जगह व्यवस्था कर दी गई थी।’
गौरतलब है कि 22 सितंबर 2016 को जयललिता के अस्पताल में भर्ती होने से 5 दिसंबर 2016 को अंतिम सांस लेने तक के मामले की जांच की जा रही है। जांच आयोग इस बात की जांच कर रहा है कि आखिर जयललिता की मौत किन परिस्थितियों में हुई।