पूरे 9 साल बाद अमेरिका इतिहास रचने की कगार पर था लेकिन खराब मौसम की वजह से आज ह्यूमन स्पेस मिशन को रोकना पड़ा।
यू.एस ब्यूरो। पूरे 9 साल बाद अमेरिका इतिहास रचने की कगार पर था लेकिन खराब मौसम की वजह से आज ह्यूमन स्पेस मिशन को रोकना पड़ा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा निजी कंपनी स्पेस एक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के जरिए अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन भेजने की तैयारी में था। 27 मई 2020 की देर रात 2.03 बजे नासा ने फॉल्कन रॉकेट से दो अमेरिकी एस्ट्रोनॉट्स को ISS के लिए रवाना करना था,
लेकिन, 16.54 मिनट पहले इस मिशन को रोक दिया गया। नासा ने बताया कि खराब मौसम के कारण लॉन्च नहीं हो रहा है। अब यह मिशन तीन दिन बाद होगा। स्पेस एक्स का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट फॉल्कन रॉकेट के ऊपर लगाया गया था। जिसके अंदर बैठे अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों के नाम हैं – रॉबर्ट बेनकेन और डगलस हर्ले. दोनों अंतरिक्ष यात्री पहले भी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की यात्रा कर चुके हैं।
इन दोनों एस्ट्रोनॉट्स को अमेरिकी कंपनी स्पेस-एक्स के स्पेसक्राफ्ट ड्रैगन से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए भेजा गया है। स्पेस-एक्स अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क की कंपनी है। यह नासा के साथ मिलकर भविष्य के लिए कई अंतरिक्ष मिशनों पर काम कर रही है।
Today’s launch was scrubbed due to weather. There were no issues with the @SpaceX Falcon 9 rocket and Crew Dragon spacecraft. The next launch attempt is Saturday, May 30 at 3:22 p.m. ET. #LaunchAmerica More photos from today: https://t.co/8due5jBg5Y pic.twitter.com/wvvd3WcnWz
— NASA HQ PHOTO (@nasahqphoto) May 27, 2020
स्पेस-एक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट को अमेरिका के सबसे भरोसेमंद रॉकेट फॉल्कन-9 के ऊपर लगाया है। इसके बाद फॉल्कन-9 रॉकेट को लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39ए से लॉन्च किया जाना था। इस मिशन को डेमो-2 नाम दिया गया है। डेमो-1 मिशन में ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से स्पेस स्टेशन पर सफलतापूर्वक सामान और रिसर्च से जुड़ी वस्तुओं को पहुंचाया गया था।
आपको बता दें कि 9 साल बाद अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा अपनी कॉमर्शियल क्रू प्रोग्राम फिर से शुरू कर चुकी है। इस मिशन की सफलता के बाद अमेरिका को अपने एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष में भेजने के लिए रूस और यूरोपीय देशों के सहारा नहीं लेना पड़ेगा। यानी करोड़ों-अरबों रुपए खर्च कर रूस और यूरोपीय देशों के रॉकेट से अपने अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस स्टेशन नहीं भेजना पड़ेगा।
इस मिशन में रॉबर्ट बेनकेन स्पेसक्राफ्ट की डॉकिंग यानी स्पेस स्टेशन से जुड़ाव, अनडॉकिंग यानी स्पेस स्टेशन से अलग होना और उसके रास्ते का निर्धारण करेंगे। बेनकेन इससे पहले दो बार स्पेस स्टेशन जा चुके हैं। एक 2008 में और दूसरा 2010 में उन्होंने तीन बार स्पेसवॉक किया है।
Webcast of Crew Dragon’s demonstration mission with @NASA astronauts @AstroBehnken and @Astro_Doug on board the spacecraft is now live → https://t.co/bJFjLCzWdK https://t.co/aXQUcY4diB
— SpaceX (@SpaceX) May 27, 2020
वहीं, डगलस हर्ले ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के कमांडर बनाया गया था। इन्हें लॉन्च, लैंडिंग और रिकवरी की जिम्मेदार दी गई थी। डगलस 2009 और 2011 में स्पेस स्टेशन जा चुके हैं। वह पेशे से सिविल इंजीनियर थे। बाद में 2000 में नासा से जुड़े थे। इसके पहले यूएस मरीन कॉर्प्स में फाइटर पायलट थे।
क्या करते दोनों अंतरिक्ष यात्री ISS पर
पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार, दोनों एस्ट्रोनॉट्स इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर 110 दिन तक रहेंगे। आपको बता दें कि स्पेस-एक्स ड्रैगन कैप्सूल एक बार में 210 दिनों तक अंतरिक्ष में समय बिता सकता है। उसके बाद उसे रिपेयरिंग के लिए धरती पर वापस आना होगा। संभव है कि ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से दोनों अंतरिक्षयात्री वापस आ जाए या उनकी जगह किसी और को स्पेस स्टेशन से वापस धरती पर भेजा जाए।
27 जुलाई 2011 को नासा ने अपना सबसे सफल स्पेस शटल प्रोग्राम बंद कर दिया था। इसी दिन स्पेस शटल एटलांटिस धरती पर लौटा था। स्पेस शटल प्रोग्राम के जरिए स्पेस स्टेशन के लिए 135 उड़ानें भरी गई थीं। 30 साल चले इस प्रोग्राम में 300 से ज्यादा एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष में भेजा गया था। 2011 के बाद से अमेरिका लगातार अपने अंतरिक्ष यात्रियों को रूसी और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसियों के रॉकेट के जरिए स्पेस स्टेशन पर भेजता आ रहा है।