लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में एंबुलेंस चालक हड़ताल पर चले गए हैं। इसका ऐलान एंबुलेंस कर्मचारी संघ की तरफ से किया गया है। उनकी कई मांगें हैं, जिसमें सबसे प्रमुख ठेका प्रथा को समाप्त करना है।
कर्मचारियों को नौकरी जाने का डर
दरअसल सरकार की तरफ से नई कंपनी को काम सौंपा जा रहा है। ऐसे में पुराने कर्मचारी अपनी नौकरी भी हो सकते हैं। इसी डर के बीच कर्मचारी संघ की तरफ से हड़ताल करने का ऐलान किया गया। सभी एंबुलेंस चालक आज प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में अपना विरोध जता रहे हैं। उनका कहना है कि ठेका प्रथा को समाप्त कर देना चाहिए। हजारों कर्मचारी ऐसे हैं जिनकी नौकरी पर तलवार लटक रही है। नई कंपनी जैसे ही काम संभालेगी तुरंत कर्मचारियों की नौकरी खतरे में आ जाएगी।
क्या है मांग
इसके अलावा हड़ताल पर गए एंबुलेंस कर्मचारियों का कहना है कि वेतन में कटौती भी नहीं होनी चाहिए। महंगाई भत्ता के तौर पर ₹23000 प्रति वर्ष दिए जाने की मांग सभी कर्मचारी कर रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसे सभी कर्मचारी जो ALS एंबुलेंस पर कार्यरत हैं, उन्हें ना हटाया जाए। अनुभवी कर्मचारियों को भी नौकरी से बाहर ना करने की मांग की जा रही है।
कोरोना महामारी के दौरान जान गंवाने वाले मृतक कर्मचारियों के परिवार को बीमा राशि और सहायता राशि दिए जाने की बात एंबुलेंस कर्मचारी संघ की तरफ से की गई। उनका कहना है कि ऐसे परिवार जिन्होंने अपने लोगों को खोया है, उन्हें ₹50 लाख बीमा राशि दी जानी चाहिए।