निर्मल उप्रेती, संवाददाता
ऐतिहासिक व सांस्कृतिक शहर अल्मोड़ा की अदभुत विरासत है। करीब डेढ़ किलोमीटर की पटाल से बनी, यह अल्मोडा बाजार जो कि एक पहचान है।
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लेकिन काल खण्ड के उतार चढ़ाव ने इस बाजार का स्वरूप ही बदल दिया और स्थानीय पटलों से निर्मित यह बाजार सरकार ने 2007 इसका मूल रूप बदल कर कोटा स्टोन से फिरो दिया । जिसके कारण यह अनूठी विरासत बिखर गई और वर्तमान में इस बाजार को उसके मूर्त रूप में लाने की कवायद जिला तथा पालिका तेज कर दी है और यहाँ के पटलों की खानों से पटलों से इस बाजार का जीर्णोद्धार करने पहल शुरू हो गई हैं।
कब यह बाजार अपनी इस विरासत को धरातल में उतार पायेगा यह एक यक्ष प्रश्न है । लेकिन लोगों में उम्मीद जगी है। वही इस मामले में नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश जोशी का कहना है कि इस बाजार की पटाल बाजार में पुनः स्थापित करने के लिए जिला प्रशासन प्रयास रत है । लेकिन जो पटाल की खान थी उस पर भूगर्भ वैज्ञानिक ने रोक लगा दी है । फिर जिला अधिकारी ने इसका प्रस्ताव शासन को भेजा है।