लखनऊ: यूपी में कोविड की दूसरी लहर के दौरान राजधानी में लज़ीज व्यंजनों की सभी दुकानों पर ताला लगने से दुकानदारों के चेहरे पर मायूसी झलक रही थी। लखनवी कवाब और मुरादाबादी बिरयानी के जायके से महरूम शौकीन भी अनलॉक की आस लगाए बैठे थे । कब इन दुकानों और ठेलों से बाज़ार गुलजार हो और इसका स्वाद ले सकें । हांलाकि, अनलॉक में मिली छूट के बाद अब शहर में बाज़ारों की रंगत वापस लौट आई है। जी हां, लजीज़ व्यजनों के दुकानों के अलावा ईरानी और कश्मीरी चाय स्टॉल, पानी के बताशे, टिक्की, कुल्फी और आइसक्रीम के ठेलों से उमडने वाली महक बाज़ार में वापस लौट आई है। तो वहीं घर से दफ्तर या दफ्तर से घर को निकले जिस शख्स ने शहर के चौराहों और तंग-गलियों में दही-जलेबी, इमरती, बिरायनी समेत वेज और नॉनवेज की दुकानें खुली देखीं। तो उनकी गाड़ी का पहिया वहीं थम गया।
ढ़ाई महीने बाद लौटी रंगत
दरअसल, अमीनाबाद, चौक, नख्खास, आलमबाग, लालकुआं, निशातगंज, महानगर, समेत शहर के तमाम बाज़ारों की दुकानें करीब ढ़ाई महीने बाद खुलीं। तब सुबह से जायके के शौकीन लज़ीज खाने का लुफ्त उठाने पहुचं गए। दुकानदारों के मुताबिक, पहले उनकी दुकानों से माल पूरी तरह से खत्म नहीं होता था। उस वक्त तक शौकीनों की चहलकदमी रहती थी। अनलॉक में राहत मिली है। लिहाजा, छोटे से लेकर बड़े दुकानदारों के चेहरे खुशी से खिल चुके हैं । इस दौरान फूड जोन के मालिक नितिन ने बताया अनलॉक के बाद दुकान खोली, तो पुराने ग्राहक दुकान पर पहुंचने लगे। वैश्विक महामारी के संक्रमण के मद्देनज़र ग्राहक आमदिनों की अपेक्षा भले ही कम हैं। लेकिन लागत आसानी से निकलने की उम्मीद है। अमीनाबाद की मशहूर शकील बिरयानी की दुकान का स्वाद शौकीनों को अपनी तरफ खींचने लगा है। दुकानमालिक शकील कुरैशी ने बताया है कि आमदिनों में बिरायनी खाने के लिए दूरदराज़ से लोग आते थे। अनलॉक में हालात बिगड़ गए थे। छूट मिलने के बाद उम्मीद है सब बेहरत हो जाएगा। धीरे-धीरे जायके के मुरीद दुकान पर आने लगे हैं।
जायके के मुरीद दिखे खुश
राजाजीपुरम के रहने वाले अनिरूद्ध प्रताप सिंह ने बताया कि आमतौर पर सुबह ही घर से दही-जलेबी और राजमा चावल खाने के लिए यार-दोस्तों के साथ निकल जाता था। अनलॉक के बाद लोगों को भी राहत मिली है। हालांकि, फ्रेंड्स के साथ यही प्लानिंग की जाती थी कि शहर कब अनलॉक हो और दोबारा दोस्तों का जमावड़ा वेज कवाब की दुकान पर लगे। तो वहीं आलमबाग की रहने वाली उपासना मिश्रा ने बताया कि प्रदेशव्यापी लॉकडाउन पानी के बताशे खाने को नहीं मिले। अनलॉक में मिली छूट और कोरोना संक्रमण से एहतियात बरतने के साथ शाम को पानी के बताशे खाने निकल जाती हूं। अब पानी पूरी के ठेलों पर भी भीड़ दिखने लगी है।