लखनऊ। यूपी की योगी सरकार महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा के लाख दावे और वादे करे लेकिन अब सूबे की बेटियों की अस्मत की हिफाजत राजधानी लखनऊ में भी नहीं हो पा रही है। ताजा हुए मोहनलालगंज इलाके में अपहरण और गैगरेप की वारदात ने एक बार फिर पुलिस और सुरक्षा के साथ सरकार के वादे और दावे की पोल खोल दी है। सरकार की नाक के नीचे हवस के भेड़ियों ने एक छात्रा का अपहरण कर उसके साथ गैंगरेप जैसी घिनौनी वारदात कर इंसानियत को शर्मसार कर दिया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज इलाके में कुछ कार सवार हवस के दरिंदों ने पहले छात्रा का अपहरण किया । इसके बाद उसे मुंह में कपड़ा ठूस कर उसे एक सूनसान जगह पर बने कमरे पर लेकर गए। जहां उस छात्रा के साथ 3 युवकों ने बारी-बारी से बलात्कार किया। जब छात्रा इस पर विरोध करने को उतारू हो गई तो इन आरोपियों ने उसकी जमकर पिटाई भी की इसके बाद उसके साथ इंसानियत को शर्मसार करने वाली इस वारदात को अंजाम दिया।
सूत्रों की माने तो छात्रा इन आरोपियों ने एक को पहले से जानती थी। उसने ही फोन कर छात्रा को एक जगह मिलने के लिए बुलाया था। जहां पर छात्रा पहुंची तो उसके साथियों और उसने मिलकर पहले छात्रा का अपहरण कर लिया। इसके बाद उसके साथ इस तरह का घृणित काम किया गया। छात्रा की माने तो उसे जब होश आया तो वह एक कमरे में बंद भी जहां पर इन बदशामों ने बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया और विरोध करने पर मारपीट की। इसके बाद उसे कुछ पैसे देकर बस से वापस भेज दिया। पीड़िता जैसे-तैसे अपने घर पहुंची और उसने पूरी वारदात अपने परिजनों को बताई जिसके बाद परिजन उसे लेकर थाने पर पहुंचे। जहां पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करके इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी। फिलहाल पीड़िता का मेडिकल कराया जा रहा है।
इस पूरे प्रकरण में परिजनों की माने तो पुलिस की गम्भीर गलती है। क्योंकि उन्होने पीड़िता की गुमशुदगी की रिपोर्ट पहले ही दर्ज कराई थी। लेकिन पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही । वह किसी बड़ी वारदात के घटने का इंतजार कर रही थी। अगर समय रहते पुलिस ने एक्शन लिया होता तो आज पीड़िता का आबरू लूटने से बच जाती ।