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नई शिक्षा नीति की पहली वर्षगांठ पर PM का संबोधन, CM धामी ने किया ऑनलाइन प्रतिभाग

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति को एक वर्ष की अवधि पूर्ण होने के अवसर पर वर्चुअल माध्यम से देश को सम्बोधित किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत की गई विभिन्न पहलों का शुभारम्भ किया।

आजादी के 75 वर्ष के उपलक्ष्य में अमृत महोत्सव 

पीएम मोदी ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को चरणबद्ध ढंग से देश में लागू किया गया है। आजादी के 75 वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित हो रहे अमृत महोत्सव के अवसर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी इसका हिस्सा बनी है। राष्ट्रीय महत्व की शिक्षा नीति नये भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी, शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे बदलावों की चुनौती का सामना करने में भी इससे मदद मिलेगी।

विदेशी यहां पढ़ने के लिये आयेंगे- पीएम

प्रधानमंत्री ने कहा कि विद्या प्रवेश, निष्ठा-2, सफल, एकेडमिक क्रेडिट बैंक, नेशनल डिजिटल एजुकेशन आर्किटेक्चर, राष्ट्रीय शिक्षा नीति फोरम, भारतीय सांकेतिक भाषा जैसी पहल हमारे युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में दक्षता के साथ ही हर क्षेत्र में अपनी क्षमता का विकास करने में मददगार होंगे। उन्हें अब अच्छी पढ़ाई के लिये विदेश जाने के बजाय अब विदेशी यहां पढ़ने के लिये आयेंगे।

देश को आत्मनिर्भर बनना होगा- पीएम

नई शिक्षा नीति हमारे युवाओं को दुनिया से एक कदम आगे सोचने में भी मदद करेगी। अब हर क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनना होगा। पीएम ने आगे कहा कि अपनी भाषा में शिक्षा दिये जाने का लाभ देश के गरीब पिछड़े आदिवासी युवाओं को मिलेगा जिन्हें अभी तक भाषाओं की समस्या का सामना करना पड़ता था।

WhatsApp Image 2021 07 29 at 20.06.41 नई शिक्षा नीति की पहली वर्षगांठ पर PM का संबोधन, CM धामी ने किया ऑनलाइन प्रतिभाग

मुख्यमंत्री पुष्कर ने पीएम का संबोधन सुना

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में तीन लाख से अधिक बच्चों को सांकेतिक भाषा की जरूरत है। साइन लैंग्वेज को भाषा का दर्जा देने से इन्हें इनका लाभ मिल सकेगा। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत एवं शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के साथ मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय स्थित सभा कक्ष में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के एक वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर पीएम मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन को सुना।

‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 युगांतकारी घटना’

कार्यक्रम के पश्चात आयोजित बैठक में  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का संबोधन हमारे लिए ऊर्जा और पथ प्रदर्शन का कार्य करता है। उन्होंने कहा कि आज देश को शिक्षा के क्षेत्र में वैश्विक प्रतिस्पर्धा का सामना कर सतत विकास की दिशा में आगे बढ़ने के लिए मा. प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एक क्रांतिकारी और युगांतकारी घटना है।

‘उत्तराखण्ड तत्परता से पीएम के साथ खड़ा है’

उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को साकार करने हेतु राष्ट्रीय शिक्षा नीति एक मजबूत आधार स्थापित करेगी, जिसके लिए शिक्षा मंत्री, भारत सरकार धर्मेन्द्र प्रधान जी सतत प्रयत्नशील हैं।

उन्होंने कहा कि उनके प्रयासों के साथ उत्तराखण्ड तत्परता से खड़ा है। विद्या प्रवेश, निष्ठा 2 और सफल (SAFAL), एकेडमिक क्रेडिट बैंक और बहुस्तरीय प्रवेश और निकास के अवसर, क्षेत्रीय भाषाओं में इंजीनियरिंग कोर्स और कार्यक्रमों की शुरुआत, नेशनल डिजिटल एजुकेशन आर्किटेक्चर (NDEAR) और राष्ट्रीय शिक्षा तकनीकी फोरम  (NETF) की शुरुआत और उच्च शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण के सन्दर्भ में दिए दिशा निर्देश सहित भारतीय सांकेतिक भाषा (Indian Sign Language) का एक विषय के रूप में शुरुआत तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग भारतीय शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी और सकारात्मक बदलाव की शुरुआत है।

‘नई शिक्षा नीति नये भारत का निर्माण करेगी’

मुख्यमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति एक नये भारत का निर्माण करेगी। युवा पीढ़ी को आधुनिक ज्ञान- विज्ञान के साथ भारतीय संस्कृति से जोङेगी। इसमें हमारे विद्वान शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा।

कई विभाग के अधिकारी रहे उपस्थित

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और उनकी संकल्पनाओं को साकार करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन,  सचिव उच्च शिक्षा दीपेन्द्र चौधरी, रूसा सलाहकार प्रो. के. डी. पुरोहित, प्रो. एम.एस.एम.रावत, रूसा नोडल ए. एस. उनियाल सहित शासन एवं विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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