नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। चीन आए दिन भारत को धमकियां देता रहता है। हालंकि चीन की किसी भी धमकी का भारत पर कोई असर नहीं होता। 15 अगस्त को भी चीन और भारत के सैनिक आमने सामने आ गए थे। लेकिन भारतीय लेना ने भी चीनी सेना का डटकर मुकाबला किया और मुंह तोड़ जवाब दिया। जब चीनी सेना कोई रास्ता नहीं दिखाई दिया तो उन्होंने भारतीय सेना पर पत्थर बाजी शुरू कर दी। चीन लगातार डोकलाम की सीमा पर अपना कब्जा जमाने के लिए लगातार युद्ध की कोशिश कर रहा है। हांलकि वो अपनी कोशिशों में कामाब नहीं होता। इसी बीच चीन ने भारतीय सेना से भिड़ने के लिए नया रास्ता तलाशा चीन लेह लद्दाख के जरिेए भारत पर दबाव बनाने कोशिश कर रहा है।
बता दें कि इसी बीच तीनों सेनाओं के प्रमुख राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सोमवार को लेह लद्दाख दौरे पर पहुंचे। जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। रामनाथ कोविंद का लद्दखा जाने का असली मकदस है कि वो चीन को बता सके कि भारत किसी भी चीज में चीन से कम नहीं है और वो उसे कम समझने की कोशिश न करे। रामनाथ कोविंद ने लद्दाख पहुंचकर वहां की सेना से मुलाकात की। वहां पहुंचकर कोविंद ने सैनिकों का हौसला बढ़ाया। और हर हालात से निपटने की बात कही। रामनाथ की इस यात्रा से चीन को समझने की जरूरत है कि अगर वो लद्दाख को मोहरा बना कर भारत को झूका सकता है तो ये उसकी सबसे बड़ी भूल है।