बिहार

सिक्के नहीं लेने वाले बैंकों पर होगी सख्त कार्रवाई : पटना

coines सिक्के नहीं लेने वाले बैंकों पर होगी सख्त कार्रवाई : पटना

बिहार। अगर आप किसी बैंक शाखा में सिक्का जमा करने जा रहे हैं और बैंककर्मी सिक्कों को लेने से मना करते हैं, तो आप इसकी शिकायत बैंक के उच्चाधिकारियों से करें। आरबीआइ के बैंकिंग लोकपाल से भी इसकी शिकायत की जा सकती है। निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।

coines सिक्के नहीं लेने वाले बैंकों पर होगी सख्त कार्रवाई : पटना

सिक्का जमा लेने पर किसी भी तरह की पाबंदी नहीं है। ये बात भारतीय स्टेट बैंक के सहायक महाप्रबंधक सह एसबीआइ अधिकारी संघ के अध्यक्ष उमाकांत सिंह ने कहीं थी। दरअसल, इस वक्त अधिकांश बैंक शाखाओं की ओर से सिक्का जमा करने गए ग्राहकों को लौटा दिया जा रहा है। यूनियन बैंक सहित कई बैंकों में इस तरह की शिकायतें सबसे ज्यादा आ रही हैं। जिनके पास दो-चार हजार रुपये या इससे अधिक के सिक्के हैं, वे बैंककर्मियों के इस रवैये से परेशान हैं। एक ग्राहक आशुतोष ने बताया है की हर घर में गुल्लक होती है। आमतौर पर लोग इसमें प्रतिदिन थोडे़ सिक्के डालते रहते हैं। यह तरीका बचत करने का बहुत अच्छा तरीका है। जब यह भर जाता है तो सिक्कों को लोग बैंक में जमा करने के लिए पहुंच जाते है।

अब अगर बैंक इसे लेने से इन्कार कर दे तो जमा करने का मूल मकसद ही खत्म हो जाता है। आशुतोष अकेले परेशान नहीं हैं,इस तरह के ग्राहकों की संख्या भी कम नहीं है। ऐसे ग्राहक इस समय बैंकों के रवैये से परेशान हैं।
भारतीय स्टेट बैंक के सहायक महाप्रबंधक उमाकांत सिंह ने बताया कि बैंक शाखाओं में सिक्का जमा करने पर किसी तरह पाबंदी नहीं है। सभी बैंकों की शाखाओं में सिक्का जमा किया जा सकता है। अगर बैंक कर्मचारी ग्राहकों को सहयोग नहीं कर रहे हैं तो उन्हें फौरन इसकी जानकारी बैंक के उच्च अधिकारियों को देनी चाहिए। त्वरित कार्रवाई होती है और बैंक कर्मी को नियमानुसार सजा मिलती है।
बैंक अधिकारी भी अगर टालमटोल कर रहे हैं तो सीधे आरबीआइ के बैंकिंग लोकपाल से भी इसकी शिकायत की जा सकती है। दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद नियमानुसार कार्रवाई होती है।

जानकारों का कहना है की बैंक कर्मचारियों भी इस बात से वाकिफ हैं की सिक्का जमा करने पर पाबंदी नहीं है लेकिन इसकी गिनती करने से बचने के लिए वे ग्राहकों को लौटा देते हैं। हाल के दिनों में बाजार में सिक्कों की उपलब्धता भी बढ़ी है, इसलिए सिक्के ग्राहकों के पास अधिक पहुंच गए हैं। खर्च से अधिक सिक्के हो जाने पर वे इसे बैंक में डालना चाहते हैं।

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