Breaking News featured देश

RTI में हुआ खुलासा, शीला सरकार के चलते हुई थी अफजल की फांसी में देरी

shila govt RTI में हुआ खुलासा, शीला सरकार के चलते हुई थी अफजल की फांसी में देरी

नई दिल्ली। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित पर अब एक सनसनीखेज आरोप लगा है। ये आरोप वरिष्ठ पत्रकार श्यामलाल यादव की हाल में ही प्रकाशित हुई किताब ‘जर्नलिज्म थ्रू आरटीआई’ के कुछ अंशों में शीला सरकार के ऊपर एक बड़े खुलासे का जिक्र आया है। ये खुलासा संसद पर आतंकी हमले के मास्टर माइंड अफजल गुरु की दया याचिका से संबंधित है। आरटीआई के खुलासों में भी ये बात सामने आई है कि संसद पर आतंकी हमले के मास्टर माइंड अफजल गुरु की दया याचिका से संबंधित फाइल को शीला सरकार ने चार वर्ष तक दबाये रखा था।

shila govt RTI में हुआ खुलासा, शीला सरकार के चलते हुई थी अफजल की फांसी में देरी

मौजूदा किताब में यादव ने जिक्र किया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा बार-बार इस मामले में पत्र और याद दिलाए जाने के बाद भी दिल्ली सरकार ने कोई जबाब ना देकर मामले को लटकाए रखा। जिसके चलते अफजोल गुरू की फांसी में देरी होने के चलते तत्कालीन कांग्रेस सरकार को काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी। दिसंबर 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले के मामले में अफजल गुरू को गिरफ्तार कर मुकदमा चलाया गया था। जिसमें उसे अदालत ने दोषी करार देते हुए मृत्युदंड की सजा सुनाई थी।

हांलाकि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी अफजल की निचली अदालत की सजा को बहाल रखते हुए 4 अगस्त को उसके मृत्युदंड पर मुहर लगा दी थी। इस मामले में उसकी पत्नी तब्बसुम अफजल ने राष्ट्रपति के पास एक दया याचिका दाखिल की थी। लेकिन इस मामले में दिल्ली सरकार द्वारा लगातार उसकी दया याचिका से जुड़ी फाइल के विषय में गृहमंत्रालय की मांग पर भी फाइल नहीं दिए जाने से मामले में विलम्ब होता रहा है। जिसके चलते ये मामला लगातार सुर्खियों में बना रहा है।

इसके बाद 26 नवम्बर 2008 को मुम्बई में हुए आंतकी हमले के बाद ये मामला एक बार फिर उठा था। इसके बाद लगातार 2009 के आम चुनाव तक ये मुद्दा काफी गरम रहा । अब इस मामले की परतें पुस्तक के लेखल और वरिष्ठ पत्रकार श्यामलाल यादव ने केंद्रीय गृह मंत्रालय, न्याय विभाग तथा दिल्ली सरकार कई आरटीआई आवेदनों के जरिए जुटाकर प्रकाशित की हैं। जिसमें साफ आया है कि अक्टूबर 2006 को ही अफजल गुरू की पत्नी तब्बसुम अफजल ने दया याचिका दाखिल की थी। जिसके बाद गृहमंत्रालय ने उसी दिन उस फाइल को दिल्ली सरकार को भेज दिया था। लेकिन इसके बाद दिल्ली सरकार 16 बार पत्र लिखे जाने और याद दिलाए जाने के बाद भी फाइल ना दे सकी थी। इस तरह सरकार ने 4 साल तक इस फाइल को दबाए रखा था। इन सभी बातों का अब खुलासा हुआ है। जिसके बाद अब एक बार फिर कांग्रेस और शीला के लिए विपक्ष और जनता के सामने मुश्किलें खड़ी होती दिख रही हैं।

Related posts

MSME की योजनाओं को करें प्रचारित, इस तरह से उठायें लाभ

Trinath Mishra

सीजेआई ने कहा उन्नाव रेप केस से सम्बंधित मामले दिल्ली करें ट्रांसफर

bharatkhabar

गर्भपात से जुड़े कानून को लेकर केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को नोटिस

bharatkhabar