लखनऊ। मौसम में अक्सर खबरें आती हैं कि अमुक गांव एवं शहर में खाना खाने से लोग बीमार हो गये। क्यों होते हैं लोग खाना खाने से बीमार ? गर्मी के मौसम में कटे-सड़े एवं खुले फलों, कीड़े वाली सब्जियों, खुले में रखे भोजन, ढाबे एवं सड़कों के किनारे के खाने एवं बासी खाने में बैक्टीरिया तेजी से पनपतें हैं तथा भोजन में उपलब्ध कुछ रासायनिक तत्व भी भोजन को दूषित कर देते हैं, यही दूषित भोजन जब हम प्रयोग करते हैं तो पेट में दर्द, पेट में ऐठन, उल्टियां, दस्त जैसी गम्भीर समस्यायें उत्पन्न होती है जो जानलेवा भी साबित हो सकती है। डॉक्टरों की भाषा में इसे फूड प्वाइजनिंग या भोजन विषाक्तता कहा जाता है। फूड प्वाइजनिंग जन स्वास्थ्य के लिये गम्भीर खतरा है।
आखिर क्या है फूड प्वाइजनिंग
डॉक्टरों के मुताबिक फूड प्वाइजनिंग भोजन मे साफ-सफाई के अभाव, गंदगी, बासी खाना, साफ हाथों से खाना न परोसने के कारण उत्पन्न होने वाले संक्रमणों के कारण होता है। अक्सर बस स्टेंशनों , रेलवे स्टेशनों अथवा होटलों में बासी खाना परोस दिया जाता है या भोजन के साथ पिया जाने वाला पानी अशुद्ध होता है। गर्मी के मौसम में आप फलों, गन्ने का रस, कोल्ड ड्रिंक, जूस और बाहर के चटपटे भोजन में ऐसे उलझ जाते हैं तथा यह नहीं समझ पातें हैं कि हम जो खा-पी रहें हैं वह किस पानी से कब बना था। यही अशुद्ध खाना-पीना आप को बीमार करने के लिये पर्याप्त है।
क्या लक्षण है फूड प्वाइजनिंग के?
दूषित खाने- पीने से शरीर में अनेक लक्षण उत्पन्न होते हैं उनमें से प्रमुख हैः
1. दस्त या डायरियाः दस्त के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है जो घातक हो सकती है।
2 उल्टी
3 बुखार
4.दस्त मे खून आना
5.पेट दर्द या पेट में ऐठन
6.सुस्ती या ज्यादा नींद आना
फूड प्वाइजनिंग से बचने के लिये क्या करें ?
1. ऐसी जगह पर भोजन करें जो साफ सुथरी हो।
2. खाने से पहले हाथ अवश्य धोयें।
3. गर्म व ताजा पकाया गया भोजन सर्वाेत्तम होता है बजाए कि ठंडा या काफी देर से बना हुआ खाना।
4.खाने से पहले फलों और सब्जियों को भली प्रकार से धों लें।
5. पानी को उबाल कर पियें।
6. अगर डायरिया या उल्टी जैसी फीलिंग महसूस कर रहें हों तो आपकों तुरन्त खूब सारा पानी पीना चाहिये।
7. डायरिया में नमक-चीनी का घोल थोड़ी-थोड़ी देर पर पीतें रहें। यह शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है।
क्या न करें ?
1. चाय, कॉफी, सिगरेट, डेयरी में बने उत्पाद, आइस्क्रीम, कोल्डड्रिंक आदि का प्रयोग बिल्कुल न करें।
2. तला हुआ भोजन न करें।
3. इस दौरान ज्यादा शारीरिक श्रम न करें।
4. उपरोक्त लक्षण होने पर तत्काल अपने चिकित्सक से सलाह लें।