श्रीनगर। कश्मीर घाटी में कर्फ्यू के बावजूद ताजा हिंसक विरोध-प्रदर्शन के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए। अलगाववादियों द्वारा आहूत विरोध मार्च के मद्देनजर शुक्रवार को प्रशासन ने श्रीनगर में कर्फ्यू लगाया था। पुलिस तथा प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि जुमे की नमाज के बाद अशांत घाटी में कई जगहों पर विरोध-प्रदर्शन किए गए, जिसके कारण श्रीनगर तथा दक्षिण एवं उत्तर कश्मीर के क्षेत्रों में हिंसक झड़पें हुईं।
बड़गाम के नागम गांव में एक अनियंत्रित भीड़ ने सुरक्षाबलों पर पथराव कर दिया, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने गोलीबारी की और पैलेट गन चलाकर भीड़ को तितर-बितर किया। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस दौरान लगभग 30 प्रदर्शनकारी घायल हो गए, जिनमें से एक मकबूल बागे की बाद में मौत हो गई।
उत्तर कश्मीर के सोपोर में कम से कम 50 लोग घायल हुए, जो बीते एक महीने की अशांति के दौरान तुलनात्मक रूप से शांत रहा था। पुलिस ने कहा कि आक्रोशित लोग सुरक्षाबलों से भिड़ गए, जिसके कारण पुलिस व अर्धसैनिक बल के जवानों को बल प्रयोग करना पड़ा। दक्षिण कश्मीर के शोपियां में सुरक्षा बलों तथा प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। चिकित्सकों के मुताबिक, युवक को पैलेट गन से कई छर्रे लगे हैं।
श्रीनगर सहित कई अन्य जगहों पर प्रदर्शन हुए, जिसमें दर्जनों लोग घायल हो गए। कश्मीर के हालिया इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब दरगाह हजरतबल में जुमे की नमाज अदा नहीं की गई। अधिकारियों ने हजरतबल दरगाह तक अलगाववादियों द्वारा आहूत मार्च के मद्देनजर, इसके सभी प्रवेश द्वारों को बंद कर दिया और कर्फ्यू लगा दिया था।
लगभग पूरी घाटी में कर्फ्यू लगा रहा। कश्मीर में पिछले 28 दिनों से हिंसा और कर्फ्यू का माहौल बना हुआ है। सुरक्षाबलों द्वारा आठ जुलाई को हिजबुल कमांडर बुरहान वानी और उसके दो साथियों को मार गिराए जाने के बाद उपजी हिंसा में कुल 53 लोगों की मौत हो गई जिसमें 51 नागरिक और दो पुलिसकर्मी शामिल हैं।
अलगाववादियों ने 12 अगस्त तक विरोध प्रदर्शन जारी रखने का ऐलान किया है। इस वजह से अमरनाथ यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों की संख्या में भी गिरावट दर्ज हुई है। गौरतलब है कि गुरुवार को लगभग 100 तीर्थयात्रियों ने ही पवित्र अमरनाथ गुफा के दर्शन किए।