नई दिल्ली। वामपंथी छात्र गुट स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने आज दिल्ली के मंडी हाउस से लेकर जंतर-मंतर के संसद मार्ग तक मार्च निकला। इस मार्च का मुख्य मकसद एबीवीपी की विश्वविद्यालयों में बढ़ती दखलदांजी का विरोध करना था। प्रदर्शन में देश के सभी प्रदेशों के एसएफआई कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।
येचुरी भी हुए शामिल:-
इस प्रदर्शन में वाम संगठन से जुड़े देशभर के सभी कॉलेजों के छात्र-छात्राओं समेत माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी के साथ कई बड़े नेता शामिल हुए। इस अवसर पर सीताराम येचुरी ने कहा कि आरएसएस ने खुद को नाथूराम गोडसे से अलग कर लिया। यही इनका चरित्र है घटना हो जाती है, हिंसा करा देते हैं और फिर बोलते हैं इससे हमारा लेना-देना नहीं।
वामपंथी छात्र गुट ने एबीवीपी पर लगाया ढोंग का आरोप:-
वहीं प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि एबीवीपी छात्रों के साथ खड़े होने का सिर्फ ढोंग करती है। डीयू में शहीद की बेटी के साथ भी एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने बुरा बर्ताव किया है। ऐसे में इस संगठन के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। इस तरह कैंपस में छात्रों पर हमले करना काफी निंदनीय है। इसके साथ ही कहा कि पिछले दो-ढाई साल से जब से केन्द्र में बीजेपी की सरकार आई है तब से सभी विश्वविद्यालयों के छात्रों पर एक एजेंडा थोपने की कोशिश की जा रही है।
गौरतलब है कि दिल्ली के रामजस कॉलेज में आईसा और एबीवीपी के समर्थकों के बीच भारी हिंसा हुई थी। इसकी वजह कॉलेज में होने जा रहा एक सेमिनार था। इसमें जेएनयू के स्टूडेंट लीडर उमर खालिद और शहला राशिद को बुलाया गया था। एबीवीपी ने जेएनयू स्टूडेंट के इनविटेशन पर विरोध जताया था। इसके बाद कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन को सेमिनार कैंसल करना पड़ा था।