नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज महाशिवरात्रि के मौके पर शिव की भव्य मूर्ति का उद्धाटन करने के बाद संबोधन के दौरान कई बातें कहीं। संबोधन के दौरान मोदी ने भगवान शिव के बारे में कई सारे बातें कहीं।
मोदी के संबोधन की खास बातें
ये जीवन को संवारने और रोग मुक्ति का साधन है। ये भोग मुक्ति का भी साधन है
इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि अगर शरीर मंदिर है तो योगा इसे और खूबसूरत बना सकता है
योगा से ये सब दूर किया जा सकता है
लोग शराब इसलिए पी रहे हैं क्योंकि तनाव ज्यादा है
आज तनाव की वजह से कई बीमारियां हो रही हैं
हमारे यहां देवियां पूजी जाती हैं। हमारे यहां कई महिला संत हुईं
महिलाओं का सशक्तीकरण जरूरी है। हमारी संस्कृति में महिलाओं की भूमिका सेंटर में हैं
सिद्धातों को पुराना बताने की कोशिश की जाती है। उन्हें पश्चिम की बात ज्यादा समझ में आती है
कुछ लोग अपने अज्ञान की वजह से सत्य को अस्वीकार कर देते हैं
हम सत्य के लिए ही तो जीते और मरते हैं। ये भारतीय सभ्यता के लिए सम्मान है
प्रकृति भी ईश्वर समान है। सत्य एक है, लेकिन हम इसे नाम कुछ भी दे सकते हैं
अनेकता हमारे लिए संघर्ष की बात नहीं है। ये हमारी संस्कृति की पहचान है
संदेश ये है कि वो साथ रहते हैं। यानी अनेकता है लेकिन हम एक हैं
गणेश का वाहन चूहा है
शिव के गले में सांप है
ये एकता की पहचान है
शिव और पार्वती का साथ हिमालय और समुद्र का साथ है
भारत ने दुनिया को योग का तोहफा दिया है
नारी तो नारायणी है ही लेकिन पुरुष के लिए शर्त है
स्त्री तू नारायणी है, लेकिन पुरुष तू कर्म करे तो नारायण हो जाए
योग व्यक्ति से समस्ति तक यात्रा है, मैं से हम तक की अनुभूति योग है
स्थिर है फिर भी इवॉल्व हो रहा है
योग पुराना होकर भी नया है
योग ने आज लंबी यात्रा कर ली है
112 फुट की शिव प्रतिमा बताती है मुक्ति के 112 मार्ग
मैं से हम और अहम् से वयम् तक की यात्रा ही योगा है
हमारे यहां कहा गया है जीव से शिव की यात्रा ही योग है
यह स्थान सबको शिवमय होने के लिए प्रेरित करता रहेगा
महाशिवरात्रि के इस कार्यक्रम में शामिल होकर मैं प्रसन्न महसूस कर रहा हूं
उनकी अलग भाषाएं हैं लेकिन उनकी आस्था सिर्फ शिव हैं
सदियों से शिव के अनगिनत भक्त हैं
मैं जहां जाता हूं वहां शिव मेरे साथ होते हैं
लेकिन राजनीति ने मुझे सोमनाथ से विश्वनाथ यानी काशी तक पहुंचाया
मैं सोमनाथ की धरती से हूं।