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चौथे चरण के दिग्गजों पर एक नजर

elections cover pic चौथे चरण के दिग्गजों पर एक नजर

उत्तर प्रदेश में चौथे चरण के लिए आज मतदान हो रहे है। प्रदेश का चौथा चऱण बेहद ही खास होने वाला है क्योंकि विधानसभा चुनावों के चौथे चरण में कांग्रेस और सपा का गठबंधन बिखरता हुआ नजर आ रहा है। इस सत्र में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के कई नेता आमने-सामने दिखाई दे रहे हैं। चौथे चरण में उन सीटों पर चुनाव होगा जो कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है लेकिन गठबंधन के बाबजूद सपा के प्रत्याशी, कांग्रेस को कड़ी टक्कर दे रहे हैं।

प्रतापगढ़ बना चर्चा का विषय

हर विधानसभा चुनाव की तरह प्रतापगढ़ इस बार भी खास चर्चा का विषय बना हुआ है। क्योंकि प्रतापगढ़ की कुंडा सीट से एक बार फिर से राजा भैया निर्दलीय से चुनाव लड़ रहे हैं। राजाभैया का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस ने रायबरेली से बाहुबली विधायक अखिलेश सिंह की बेटी अदिति सिंह को सियासी रण में उतारा है।

aditi singh चौथे चरण के दिग्गजों पर एक नजर

रायबरेली में अदिति को मिली कमान

चौथे चरण में रायबरेली से कांग्रेस ने अदिति सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है। रायबरेली की सीट अदिति से ज्यादा उनके पिता के शाख पर लगा दांव माना जा रहा है क्योंकि अदिति के पिता अखिलेश कुमार सिंह इस सीट से 5 बार विधायक रह चुके हैं। यह क्षेत्र कांग्रेस का पारंपरिक क्षेत्र है लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस ने इस सीट के मतदाताओं को लुभाने के लिए एड़ी-चोटी का दम लगाया है। खुद राहुल गांधी रायबरेली में चुनाव प्रचार कर चुके हैं।

utkristya maurya चौथे चरण के दिग्गजों पर एक नजर

स्वामी प्रसाद के बेटे भी रण में

चौथे चरण में यूपी सरकार में पूर्व मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य के पुत्र उत्कृष्ठ मौर्य को भाजपा ने प्रत्याशी के रूप में उतरा हैं। भाजपा के इस प्रत्याशी का मुकाबला इस सीट पर समाजवादी पार्टी के नेता व यूपी सरकार के कैबिनेट मिनिस्टर मनोज कुमार पांडेय से है।

raja bhiya चौथे चरण के दिग्गजों पर एक नजर

रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया

इस बार के रण में 5 बार विधायक रह चुके रघुराज प्रताप सिंह एक बार फिर से किस्मत आजमां रहे हैं। बता दें कि प्रतापगढ़ में रघुराज को लोग राजा भैया के नाम से जानते हैं। निर्दलीय से चुनाव लड़ना राजा भैया का शौख सा हो गया है और वो हर बार निर्दलीय से चुनाव लड़ते हैं और जीतते हैं। राजा भैया ने महज 24 साल की उम्र में अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था। गौरतलब है कि साल 2012 में प्रतापगढ़ के कुंडा में डिप्टी एसपी जिया उल-हक की हत्या के सिलसिले में नाम आने के बाद रघुराज प्रताप सिंह को अखिलेश मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा। राजा भैया वर्ष 1993 से 2012 तक कुंडा से लगातार पांच बार निर्दलीय विधायक रहकर रिकार्ड बना चुके हैं।

 

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