अगरतला। रेलमंत्री सुरेश प्रभु भारत-बांग्लादेश नई रेल परियोजना की आधारशिला 31 जुलाई को रखेंगे और अगरतला-नई दिल्ली पैसेंजर ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। त्रिपुरा के एक मंत्री ने यहां शनिवार को यह जानकारी दी। त्रिपुरा के परिवहन मंत्री माणिक डे ने कहा कि भारत-बांग्लादेश ट्रेन अगरतला(भारत) से अखौरा (बांग्लादेश) तक चलेगी, जबकि अगरतला-नई दिल्ली पैसेंजर ट्रेन नई बिछाई गई ब्रॉड गेज लाइन पर चलेगी।
डे ने आईएएनएस से कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संभवत: राष्ट्रीय राजधानी से नई दिल्ली-अगरतला पैसेंजर ट्रेन को उसी दिन हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।”
गत मई में पूर्वोत्तर परिषद के पूर्ण सत्र में भाग लेने आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रिमोट कंट्रोल के जरिए दोनों का शुभारंभ करने वाले थे, लेकिन भारी वर्षा और भूस्खलन के कारण दक्षिण असम के दीमा हसाओ जिले में रेल लाइन बाधित होने पर कार्यक्रम टाल दिया गया था। 968 करोड़ रुपये लागत की अगरतला-अखौरा रेल परियोजना पर जनवरी, 2010 में तब मुहर लगी थी, जब बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने नई दिल्ली दौरे के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की थी।
डे ने कहा कि त्रिपुरा सरकार के लगातार अनुनय और प्रधानमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप के बाद डीओनईआर (उत्तर पूर्व विकास) मंत्रालय नई रेल परियोजना के लिए 580 करोड़ रुपये देने पर राजी हुआ है। परियोजना के 67 एकड़ भूमि अधिग्रहण के लिए मंत्रालय ने 150 रुपये हाल में जारी किए हैं। मंत्री ने कहा कि 15 किलोमीटर लंबी अगरतला-अखौरा रेल लाइन (5 किलोमीटर भारत में और 10 किलोमीटर बांग्लादेश में) परियोजना से पूर्वोत्तर भारत और पूर्वी बांग्लादेश के विकास और अर्थव्यवस्था को बड़े पैमाने पर बढ़ावा मिलेगा।
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने परियोजना के लिए प्रारंभिक कार्य किया है। नई रेल लाइन के बांग्लादेश से जुड़ने पर अगरतला और कोलकाता के बीच की दूरी 1650 किलोमीटर से घटकर मात्र 550 किलोमीटर रह जाएगी। बहरहाल, भारत और बांग्लादेश के पश्चिम बंगाल के साथ चार रेल लिंक हैं।