उत्तराखंड

कांग्रेस के लिए आसान नहीं है सहसपुर विधानसभा का रण जीतना

Sahaspur कांग्रेस के लिए आसान नहीं है सहसपुर विधानसभा का रण जीतना

देहरादून। उत्तराखण्ड विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के जीत की राह पहले ही काफी मुश्किल थी कि दिनों-दिन इसमें और भी पेंच फंसता जा रहा है। एक तरफ हरीश रावत के दो विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने पर बवाल मचा हुआ है तो दूसरी तरफ सहसपुर विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ना कांग्रेस के गले की हड्डी बनता जा रहा है।

Sahaspur कांग्रेस के लिए आसान नहीं है सहसपुर विधानसभा का रण जीतना

सहसपुर विधानसभा सीट पर किशोर उपाध्याय और आयेन्द्र शर्मा के बीच छिड़ी चुनावी जंग को आयेन्द्र ने निर्दलीय से नामांकन भरकर अपने स्तर पर खत्म तो कर दिया है लेकिन अब कार्यकर्ता दो हिस्सों में बंट गए है। आयेन्द्र द्वारा निर्दलीय से नामांकन भरने और कांग्रेस के किशोर उपाध्याय के खिलाफ चुनाव लड़ने के बाद सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं वो ये विधानसभा चुनाव हार ना जाए।

खुद सूबे के मुखिया हरीश रावत के मन में इस बात का डर है कि वो सहसपुर विधानसभा सीट से चुनाव हार सकते हैं। गौरतलब है कि विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस के कई नेता बागी होकर भाजपा का दामन थाम चुके हैं। भाजपा उन्हें टिकट भी दे चुकी है पहले ही कांग्रेस को उसके बागियों का सामना करना पड़ेगा तो दूसरी तरफ सहसपुर में उसके दो नेता आमने-सामने होंगे।

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