नई दिल्ली। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने जम्मू एवं कश्मीर में आम लोगों पर सेना की ‘बर्बर’ कार्रवाई को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने सोमवार को सवाल किया कि क्या ‘नागरिकों के साथ भी आतंकवादियों जैसा सलूक किया जाएगा।’ आजाद ने कहा, “कश्मीर में हालात इतने बदतर कभी नहीं हुए। कश्मीर के हालात साल 2008-09 से बदतर क्यों हुए? यहां तक कि हमारी सरकार, उमर अब्दुल्ला की सरकार तथा मुफ्ती मोहम्मद सईद की सरकार ने भी इस तरह की घटनाएं देखी हैं, लेकिन नागरिकों से इस तरह का बर्बर सलूक हमने कभी नहीं देखा।”
आजाद ने कहा, “उन्होंने (सुरक्षा बलों) बच्चों, बुजुर्गो व महिलाओं पर बुलेट व पैलेट गन का इस्तेमाल किया। क्या नागरिकों के साथ उसी तरह का सलूक किया जाना चाहिए, जैसा आतंकवादियों के साथ होता है? जो गोली आतंकवादियों के लिए इस्तेमाल की जाती है, क्या उसे निर्दोष लोगों के खिलाफ भी इस्तेमाल किया जाना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “आतंकवाद के खात्मे के लिए हम सरकार के साथ हैं, लेकिन नागरिकों के साथ इस तरह के अमानवीय सलूक का समर्थन नहीं कर सकते। आतंकवाद का कोई भी समर्थन नहीं करता। लेकिन आतंकवादियों व आम लोगों के बीच अंतर होना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “राज्य के सभी 10 जिलों में लोगों की मौत हुई है। अधिकांश मौतें दक्षिण कश्मीर में हुईं।”
सर्वदलीय बैठक बुलाए सरकार:-
गुलाम नबी आजाद ने जम्मू एवं कश्मीर के वर्तमान हालात पर चर्चा के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाने की आवश्यकता जताई। आजाद ने कहा, “सरकार विश्वास के भरोसे चलती है, लेकिन जम्मू एवं कश्मीर के लोग वर्तमान सरकार को संदेह की निगाह से देख रहे हैं। राज्य के हालात पर चर्चा के लिए मैं सरकार से एक सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह करूंगा।”
कश्मीर में एक सप्ताह से जारी हिंसा में 40 से अधिक प्रदर्शनकारियों और दो पुलिसकर्मियों की मौत हो चुकी है।
(आईएएनएस)