नई दिल्ली। आयकर विभाग की छापेमारी के बाद पर से हटाए गए तमिलनाडु के पूर्व सचिव राममोहन ने मंगलवार को कहा है कि उन पर किया गया आयकर विभाग का छापा असंवैधानिक है , उन्होंने कहा है कि उन्हें घर में नजरबंद करके रखा गया था। राव ने आज मीडिया का अपने संबोधन में कहा है कि मेरे तबादले को लेकर कोई आधिकारिक सूचना नहीं है, मैं अभी भी तमिलनाडु का मुख्य सचिव हूं।
राव ने आज मीडिया के साथ बातचीत के दौरान कहा है कि जिस सर्च वारेंट के आधार पर छापे मारे गए हैं, उसमें मेरा नाम नहीं है, शेखर रेड्डी को लेकर उन्होंने कहा है कि उनसे मेरा कोई लेना देना नहीं है, अपने कार्यकाल के दौरान मैं कई लोगों से मिलतारहा हूं, ऐसे में किसी से भी व्यक्ति से मिलने को लेकर मुझपर संदेह करना सही नहीं है, मैने कोई गलत काम नहीं किया है, मुझपर छापेमारी बिना किसी आधार के किया गया है, इसको लेकर मुझपर सिर्फ निशाना बनाया जा रहा है।
यहां आपको बता दें कि तमिलनाडु के मुख्य सचिव राममोहन राव के घर और दफ्तर पर छापेमारी की जिसमे से पांच किलो सोना और करीब 30 लाख के नए नोट बरामद किए गए हैं, इसके साथ ही उनके पांच करोड़ के अघोषित आय का खुलासा भी हुआ है। राव ने कहा कि आयकर विभाग के छापे से पहले केंद्र सरकार, राज्य सरकार को उनके स्थानान्तरण के लिए कह सकती थी।
आयकर विभाग के अधिकारियों की सुरक्षा में बंदूकधारी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों की तैनाती का उल्लेख करते हुए राव ने कहा, “बंदूक के बल पर वे मेरे घर में घुसे थे। मैं घर में नजरबंद था।”आयकर अधिकारियों पर बिना अधिकार पत्र के उनके निवास और राज्य सचिवालय स्थित उनके कार्यालय में प्रवेश करने का आरोप लगाते हुए राव ने कहा, “तलाशी वारंट मेरे पुत्र विवेक पापीसेट्टी के नाम था। पूर्व मुख्य सचिव ने सवाल पूछा कि बिना समुचित प्राधिकार के आयकर अधिकारी मुख्य सचिव के कार्यालय की तलाशी कैसे ले सकते हैं?
राव ने कहा, “मुख्य सचिव के कार्यालय की तलाशी के लिए क्या उन्होंने मुख्यमंत्री, गृह सचिव से मंजूरी ली थी।