नई दिल्ली। अब कोई भी साधु या संन्यासी अपने पासपोर्ट में माता-पिता की जगह आध्यात्मिक गुरु का नाम लिख सकते हैं। इस बात का ऐलान विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को किया। केंद्र सरकार ने साधु और संन्यासियों को एक खास राहत देते हुए पासपोर्ट के नियमों में बदलाव किया है।
पासपोर्ट नियमों में बदवाल करते हुए मंत्रालय ने कहा है कि संत और संन्यासी अपने माता-पिता की जगह अपने गुरु का नाम लिखकर पासपोर्ट की अर्जी दाखिल कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें एक सार्वजनिक दस्तावेज दिखाना होगा जिसमें मतदाता परिचय पत्र , पैन कार्ड, आधार कार्ड आदि शामिल हैं जिसमें उनके गुरु का नाम उनके माता-पिता वाली जगह पर हो।
नए नियम नई जीवनशैली और पारिवारिक मान्यताओं को दर्शाते हैं। मंत्रालय ने अर्जी देने वाले को माता-पिता में से किसी एक का नाम देने की भी इजाजत दे दी है। अभी तक माता-पिता, दोनों का नाम दिया जाना अनिवार्य था। नए नियमों की घोषणा करते हुए विदेश राज्य मंत्री जनरल वी.के.सिंह ने कहा कि साधु-संतों को लेकर दो मुद्दे थे। पहला सवाल उनके माता-पिता का था और दूसरा जन्मतिथि प्रमाण पत्र का, जिसे उन्हें वैसे भी नए दस्तावेजों के तहत जमा करना होगा।