नई दिल्ली। नोटबंदी को लेकर संसद में लगातार जारी हंगामें और गतिरोध को लेकर आज महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि संसद में गतिरोध को किसी भी तरह से स्वीकार नहीं किया जाएगा। कार्यवाही के लगातार बाधित रहने को लेकर उन्होंने सांसदों से अपील की है कि भगवान के लिए संसद की कार्यवाही में विघ्न ना पैदा करें, साथ ही उन्होंने महिला आरक्षण बिल के पास होने की भी तरफदारी की है।
आपको बता दें कि शीतकालीन सत्र के शुरुआत से ही लगातार नोटबंदी के फैसले को लेकर संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही है। विपक्ष लगातार विरोध करता रहा है और संसद में प्रधानमंत्री के उपस्थिति की मांग करता रहा है, वहीं दूसरी तरफ सरकार का आरोप है कि विपक्ष चर्चा करने से भागता है और चर्चा के विषय पर लगातार कोई ना कोई बहाना करता है। आपको बता दें कि इससे पहले बुधवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने भी संसद की कार्यवाही ना चलने पर नाराजगी जताई थी।
राष्ट्रपति ने यहां ‘मजबूत लोकतंत्र के लिए सुधार’ पर डिफेंस एस्टेट लेक्चर 2016 में कहा कि जनता अपना प्रतिनिधि संसद में काम करने के लिए भेजती है, न कि हंगामा करने के लिए।
उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि संसदीय कामकाज में बाधा चलन सा हो गया है, उन्होंने सांसदों से कहा, “अपना काम कीजिए।राष्ट्रपति ने कहा, “धरना किसी और जगह दिया जा सकता है।” उन्होंने सांसदों से सदन में लोक महत्व के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए कहा।
आडवाणी ने जताया था दुख- संसद के शीतकालीन सत्र के लगातार हंगामे को लेकर सदन की कार्यवाही लगातार प्रभावित रही है। इसी को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कार्यवाही के बार बार बाधित होने पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि कार्यवाही के लगातार बाधित होने से देश के लोगों को भारी नुकसान हो रहा है, उन्होंने कहा कि न तो स्पीकर और ना ही संसदीय कार्यमंत्री सदन को चला पा रहे हैं। गौरतलब है कि नोटबंदी को लेकर लगातार विपक्ष के विरोध के चलते कार्यवाही में खलल पड़ रही है। भाजपा के वरिष्ठ नेता एलके आडवाणी ने आज कहा कि जो सांसद ज्यादा हंगामा कर के कार्यवाही को चलने देने में विघ्न पैदा कर रहे हैं उन सांसदों का वेतन काट देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं स्पीकर से कहना चाहता हूं कि उन्हें सदन में सख्ती दिखानी चाहिए, वो सदन को सही से नहीं चला पा रही हैं।